केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में वाराणसी जिले में भारी बवाल और तोड़फोड़ हुई थी. दो दिन पहले हुए उपद्रव में लगभग 12 लाख 97 हजार रुपये की आर्थिक क्षति हुई है. अब जिला प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने बताया कि इस नुकसान की भरपाई जिला जेल में बंद 5 जिलों के 27 उपद्रवियों से की जाएगी. यह सभी वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ के हैं. वाराणसी के डीएम ने इसका पूरा दावा प्रस्ताव 27 व्यक्तियों के नाम और सभी फोटो, वीडियो साक्ष्य सहित तैयार करा कर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए गठित दावा प्राधिकरण प्रयागराज में भेज दिया है.
बता दें 17 जून, 2022 की घटना में जिन और व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आएगी, उसके अनुसार वसूली के लिए और नाम दावा प्राधिकरण को भेजे जाएंगे. ऐसे व्यक्तियों की सूचना वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी कर्मचारियों और गुप्त सूत्रों से और अन्य जनपदों के अधिकारियों से जुटाई जा रही है.
वाराणसी डीएम कौशल राज शर्मा के अनुसार, थाना सिगरा और जैतपुरा में गाजीपुर पचरुखवा, रेहरी मालीपुर, जौनपुर के नगोली, सैदखानपुर, गोबरा, बहरीपुर, लाल मझवार, भगरी व खवाजपुरा, आजमगढ़ के रासेपुर, मऊ के कुसवू व वाराणसी के हथियर, हजीपुर, मूढ़ादेव, देवराईदान, चोलापुर और गोसाईपुर से लोगों को निरुद्ध किया गया है.
परिवहन निगम वाराणसी क्षेत्र एवं वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की कुल 36 बसें, जिनमें से 21 बसें कैंट बस स्टेशन पर मार्ग पर प्रस्थान करने के लिए खड़ी थीं और 15 बसें जो कैंट बस स्टेशन से काशी (गोलगड्डा) कार्यशाला की ओर जा रहीं थीं। इन वाहनों को सिटी रेलवे स्टेशन की ओर से कैंट रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे 100-150 प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया था.
दरअसल, अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले अब चिह्नित किए जा रहे हैं. उनसे नुकसान की पूरी वसूली होगी. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया ‘हिंसक विरोध के दौरान जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है, उनसे पुलिस द्वारा पूछताछ की गई है.’
वहीं, पुलिस ने जो जांच की है उस जांच के आधार पर संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध ग्रामीण थाना क्षेत्रों में कार्रवाई की गई है. शहर में आकर उपद्रव करने वालों की सूची बनाई जा रही है. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि सभी उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार, थानाध्यक्षगण ने अपने- अपने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों और कोचिंग चलाने वालों के साथ बैठक कर उन्हें यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उनके गांव से कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था को अपने हाथ में न ले.
इसके साथ ही सभी को अवगत कराया जा रहा है कि कोई भी हिंसक गतिविधियां न करें तथा सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाएं अन्यथा ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोग सरकारी नौकरियों से वंचित हो जाएंगे. यदि किसी को ज्ञापन देना है या लिखित पत्र देना है तो गांव में ही संबंधित अधिकारियों को शांतिपूर्वक दें, उनका ज्ञापन वहीं पर जाकर अधिकारी लेंगे.