मोदी सरकार के कार्यकाल में शादी को लेकर दूसरा बड़ा बदलाव सामने आया है। यह बदलाव लड़कियों के विवाह के उम्र से जुड़ा हुआ है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैबिनेट ने लड़के और लड़कियों की विवाह की उम्र 21 करने की मंजूरी दे दी है। यह कानून अगर लागू किया जाएगा तो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागु होगा।
ऐसे की गई शुरुआत:
भारत में अधिकतर लड़कियों की शादी 18 वर्ष की उम्र में हो जाती है। लेकिन समय के अनुसार इसका बदलाव करना अति आवश्यक है। आपको बता दे कि लड़कियों की शादी की उम्र पर विचार के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गयी थी। जिसने अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2020 में नीति आयोग को सौंप दिया था। इस टास्कफोर्स का उद्देश्य युवतियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का था। उसके साथ ही देश में सभी वर्गों एवं धर्मों पर लागू करने की सिफारिस की गयी। टास्क फाॅर्स के 10 सदस्यों ने देश भर के जाने माने विशेषज्ञ, स्कॉलर्स एवं नागरिक संगठनो के नेताओं से गहन चर्चा करने के साथ ही अनेक वेबिनार के जरिये महिलाओं से बात कर एक रिपोर्ट तैयार किया।
शादी विवाह को लेकर 2 बड़े सुधार:
मोदी सरकार के कार्यकाल में शादी विवाह को लेकर अभी तक 2 बड़े फैसले लिए गए। पहला फैसला ये था की कैबिनेट ने NRI मैरिज को 30 दिन के भीतर पंजीकृत कराने का बड़ा कदम उठाया था। वही दूसरा फैसला ये आया है कि लड़कियों के विवाह की उम्र बढ़ा कर 21 कर दी गई है, संसद में पास होने के बाद सभी धर्मों पर समान रूप से लागू किया जाएगा।
इससे पहले 1978 में हुए थे बदलाव:
शादी विवाह में युवतियों के उम्र को लेकर ये दूसरी बार बदलाव किया जा रहा है। इससे पहले 1978 में बदलाव किया गया था। आपको बता दे की पहले लड़कियों के शादी की उम्र 15 साल थी, जिसे बढ़ाकर 18 कर दिया गया था। परन्तु अब टास्क फाॅर्स ने शादी की उम्र 21 करने के लिए 4 कानूनों में परिवर्तन करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक 18 से 21 के बीच शादी करने वालों की संख्या करीब 16 करोड़ है।
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