झारखंड के रामगढ़ में जिले शनिवार रात नियम के विरुद्ध कराये जा रहे रावण दहन कार्यक्रम के दौरान पुलिस और लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस झड़प में डीएसपी और थानेदार समेत छह लोग घायल हो गए, जिन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक रजरप्पा थाना क्षेत्र के बड़की पोना गांव के केतारी टोला में शनिवार को लोगों द्वारा रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन नियम के विरुद्ध किया जा रहा था। वहीं गस्ती के दौरान पुलिस ने जब उन लोगों को इस कार्यक्रम को रोकने को कहा तो वे भड़क गए और पुलिस पर लाठी-डंडे से हमला करने के साथ पथराव करने लगे।
भीड़ को हटाने के लिए चलानी पड़ी गोलियां:
इस दौरान मामले को संभालने और हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए रजरप्पा थाना प्रभारी ने चार राउंड गोलियां भी चलाई। हालांकि पुलिस की गोली से कोई घायल नहीं हुआ। गोलियों की आवाज सुनकर भीड़ तितर-बितर हुई तो सभी अधिकारी और पुलिस जवान अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले। इस हिंसक झड़प में डीएसपी हेड क्वार्टर संजीव कुमार मिश्रा, रजरप्पा थाना प्रभारी विपिन कुमार, सब इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार, सैनिक समद, पुलिस जवान देवनारायण रजक और प्रदीप तिर्की घायल हो गए।
पुलिस टीम को घेरकर किया हमला:
पुलिस पर हुए पथराव के मामले में रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि केतारी गांव में रावण दहन कार्यक्रम को लेकर ग्रामीण काफी उग्र हो गए थे। उन लोगों ने पुलिस टीम को घेरकर हमला किया। इस हमले में सब इंस्पेक्टर सैनिक समद लापता भी हो गए थे। बाद में जब पुलिस ने उस गांव में कैंप किया तो सबसे पहले सब इंस्पेक्टर की तलाश शुरू हुई। गांव के ही एक घर में सब इंस्पेक्टर को कुछ लोगों ने पनाह दी थी, जिससे उनकी जान बच सकी। सैनिक समद ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा उनकी 9 एमएम पिस्टल और गोलियां लूट ली गई।
घटनास्थल पर रामगढ़ एसपी ने किया कैंपः
जिस स्थान पर पुलिस पर जानलेवा हमला हुआ वहां एसपी प्रभात कुमार ने खुद कैंप किया है। पुलिस पर पथराव करने के मामले में लगभग 12 लोगों को पुलिस ने पकड़ा भी है। पुलिस पर हमला करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई होगी।
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