पहली बार जंगली घास से बना पॉपकॉर्न, आखिर कैसे बना सबसे पसंदीदा स्नैक? जानिए इसकी कहानी
हर मौक़े और माहौल के साथ एकदम फ़िट बैठने वाला स्नैक है पॉपकॉर्न। जिसे बच्चे से लेकर जवान तक, यहां तक की घर के बड़े बुजुर्ग भी इसे खूब चाव से खाते हैं।
पॉपकॉर्न को दुनिया का सबसे लोकप्रिय स्नैक माना जाता है। फ़िल्म देखते वक़्त खाएं, या दोस्तों, परिजनों के साथ गप्पें मारते वक़्त। शाम की चाय के साथ खाएं या कुछ पढ़ते-लिखते हुए अकेले। हर मौक़े और माहौल के साथ एकदम फ़िट बैठने वाला स्नैक है पॉपकॉर्न। जिसे बच्चे से लेकर जवान तक, यहां तक की घर के बड़े बुजुर्ग भी इसे खूब चाव से खाते हैं।
पॉपकॉर्न के पीछे की कहानी:
ऐसा माना जाता है कि लगभग 8,000 साल पहले टेओसिन नामक जंगली घास से पहली बार पॉपकॉर्न बनाया गया था। अमेरीकी महाद्वीपों में इसकी सबसे पुरानी मिसाल मिलती है। अमेरिका में सबसे पहले पॉपकॉर्न खाया गया था। इसके पीछे एक किस्सा यह भी है कि सबसे पहले मक्के के दाने एक पुरातत्व वैज्ञानिक को मिले, तो उसने उन्हें भूनने की कोशिश की। दिलचस्प बात ये रही कि करीब हजार साल पुराने मक्के के दाने गर्म होते ही फूट कर खिल गए और कहलाए पॉपकार्न। जिसका नशा आज पूरी दुनिया के सिर चढ़ कर बोलता है। वर्तमान समय में पूरी दुनिया में पॉपकार्न ख़ूब खाया जाता है।
134 साल पहले बनाई गई पापकॉर्न भूनने की मशीन:
पहली बार पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन 1885 में सामने आई थी। जिसे अमेरिका के इलिनॉय सूबे के चार्स् क्रेटर्स ने बनाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चार्ल्स क्रेटर और उनके सहायक 1893 के वर्ल्ड फेयर में अपनी पॉपकॉर्न भूनने की मशीन को लेकर गए थे। जहां इस मशीन को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ जमा हो गई थी। अमरीका में आज भी चार्ल्स क्रेटर की कंपनी पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन बनाने की सबसे बड़ी कंपनी है।
अलग-अलग तरीकों से भूना जाता है पॉपकॉर्न:
दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से पॉपकॉर्न भूना जाता है। भारत में लोहे की कड़ाही में रेत भर कर भुट्टे के दाने भूने जाते हैं। चीन में पॉपकॉर्न को सड़कों के किनारे लोहे के ड्रम में भूना जाता है। जब दाने फटने को होते हैं, तो इसके ऊपर कैनवास का झोला लगा दिया जाता है, जिससे फूटते हुए पॉपकॉर्न उसमें भर जाते हैं।
सजावट के काम आता था:
पॉपकॉर्न आज दुनियाभर में खूब खाया जाता है, लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि करीब 4000 साल पहले पॉपकॉर्न को खाया नहीं जाता था। जब पॉपकॉर्न की खोज हुयी थी तो उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि इसे खाया भी जा सकता है। उस वक्त पॉपकॉर्न को सजावट में इस्तेमाल किया जाता था। इससे सिर और गले की ज्वेलरी बनाई जाती थी।
महक ने बढ़ाया पॉपुलैरिटी:
पॉपकॉर्न के मशहूर होने की पीछे जो सबसे बड़ी वजह है वह है इसकी सौंधी महक। पॉपकॉर्न आज कई फ्लेवर में बाजारों में उपलब्ध है जिसमें चीज, बटर और कैरामेल इत्यादि शामिल हैं। अमेरिका में वर्ष 1929 से 1933 के बीच यह सबसे ज्यादा बिकने वाला स्नैक बना।
पॉपकॉर्न के फायदे:
- कैंसर के खतरे को कम करता है।
- डाइजेशन में मदद करता है।
- डायबिटीज में फायदेमंद है।
- हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- एनीमिया से बचाता है।
- वजन को कम करता है।
- बल्ड शुगर को कंट्रोल में रखता है।
- टेंशन से राहत देता है।
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