1.72 लाख शिक्षामित्रों को सुप्रीम झटका
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के 1.72 लाख शिक्षामित्रों को झटका देते हुए उनका समायोजन रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन पर अहम व्यवस्था देते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है। लेकिन साथ ही कोर्ट ने कहा है कि एक लाख 38 हजार शिक्षा मित्र बने रहेंगे। इसके साथ ही जो 72 हज़ार सहायक शिक्षक जो शिक्षक बन गए है यानि BA और TET करके वो अपने पद पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे शिक्षामित्रों को 2 मौके मिलेंगे TET पास करने के लिए, जिनका सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन हुआ था। इसके साथ ही शिक्षामित्रों को उम्र के नियमों में छूट मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया
इसके पहले उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों के सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि 12 सिंतबर 2015 को हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के करीब 1.72 लाख शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन को निरस्त कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
कई नामी वकीलों ने की शिक्षामित्रों की पैरवी
शिक्षामित्रों की ओर से सलमान खुर्शीद, अमित सिब्बल, नितेश गुप्ता, जयंत भूषण, आरएस सूरी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने अपनी ओर से दलीलें पेश की। शिक्षामित्रों की ओर से पेश अधिकतर वकीलों का कहना था कि शिक्षामित्र सालों से काम कर रहे हैं। वे अधर में हैं। लिहाजा, मानवीय आधार पर सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को जारी रखा जाए। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि वह संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर शिक्षामित्रों को राहत प्रदान करें।
वकीलों की दलील भी नहीं आई काम, समायोजन हुआ रद्द
वहीं शिक्षामित्रों की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह कहना गलत है कि शिक्षामित्रों को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि सहायक शिक्षकों के रूप में उनकी नियुक्ति हुई है। वकीलों का कहना था कि राज्य में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए स्कीम के तहत शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। उनकी नियुक्ति पिछले दरवाजे से नहीं हुई थी। शिक्षामित्र पढ़ाना जानते हैं। उनके पास अनुभव है। वे सालों से पढ़ा रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव में उनके साथ मानवीय रवैया अपनाया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज करते हुए शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया है।