क्या होता है टॉप अप लोन? जानिए इसके प्रमुख फायदें
टॉप अप लोन एक सरल प्रक्रिया से होने वाला सुरक्षित लोन है जिसमें बैंकर और ग्राहक दोनों का फायदा होता है।
मौजूदा समय में बैंक और एनबीएफसी (Non Banking Financial Company) कम ब्याज दरों पर लोन प्रोवाइड करा रहे हैं। लेंडर्स अक्सर ऐसे ग्राहकों को बेहतर ब्याज शर्तों के साथ लोन देते हैं जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर होती है। साथ ही बैंकों ने अब लोन की प्रक्रिया को भी काफी आसान कर दिया है। ऐसे में आइये आपको बताते हैं कि टॉपअप लोन होता क्या है और इससे आपको किस तरह के फायदे हैं।
टॉप अप लोन क्या होता है?
होम लोन लेने के बाद भी जब ग्राहक को अतिरिक्त धन की जरुरत पड़ती है, ऐसे में बैंक द्वारा होम लोन की राशि के ऊपर एक अतिरिक्त लोन प्रदान किया जाता है, जिसे टॉप अप लोन कहते हैं। आमतौर पर, इस लोन के उपयोग पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होता। ग्राहक इस लोन को अपने जरुरत के हिसाब से उपयोग कर सकता है। उदाहरण के लिए घर से सम्बंधित जरूरतों के लिए, नवीनीकरण या बच्चों के शिक्षा जैसे अन्य खर्चो के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है, जो होम लोन में शामिल नहीं होते हैं।
विशेषज्ञ के अनुसार
बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सौरभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि टॉप अप लोन एक सरल प्रक्रिया से होने वाला सुरक्षित लोन है जिसमें बैंकर और ग्राहक दोनों का फायदा होता है। सामान्यतः 2 वर्ष पुराने होम लोन के ग्राहकों को यह स्कीम ऑफर की जाती है। इसमें बैंक होम लोन के अंतर्गत ली गई अचल संपत्ति के ऊपर ही ग्राहक को एक अन्य ऋण प्रदान करते हैं जो कि सरल शर्तों पर होता है। सामान्यतः इसकी शर्तें इस प्रकार होती हैं-
1. ग्राहक 2 वर्ष से बैंक का होम लोन का ग्राहक हो।
2. उसने पुरानी किश्तों का समय से भुगतान किया हो।
3. होम लोन और टॉप अप ऋण मिलकर बंधक संपत्ति के 75 प्रतिशत (अलग – अलग बैंको में ये सीमा अलग – अलग है) मूल्य से ज्यादा ना हों।
इन शर्तों को पूरा करने पर बैंक ग्राहक की संपत्ति का पुनर्मूल्यांकन कराता है एवं उसके मूल्य के अनुसार नया टॉप अप ऋण दे देता है। टॉप अप ऋण की खास बात यह है कि इसमें बैंक ऋण का भुगतान सीधे ग्राहक के खाते में करता है। ग्राहक उस राशि का उपयोग किसी भी तरह से कर सकता है, सिवाय जोखिम वाले निवेश या सट्टेबाजी जैसे कार्यों के। इसके लिए बैंक ग्राहक से एक घोषणा पत्र लेता है।
टॉप अप लोन के प्रमुख फायदें
अलग से अप्लीकेशन की जरुरत नहीं: उधारकर्ता को अतिरिक्त डॉक्युमेंटेशन की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि बैंक के पास पहले से ही ग्राहक का केवाईसी विवरण होता है।
पात्रता मापदंड: इस लोन के लिए पात्रता मापदंड सामान्य है। इसका डिस्बर्सल प्रक्रिया भी काफी आसान है। जिससे शीघ्रता से पैसे उपलब्ध हो जाते हैं।
कम EMI: इस लोन में EMI का मूल्य कम होने के वजह से ग्राहक को काफी समय मिल जाता है। इस वजह से पुनर्भुगतान आसान हो जाता है।
कम ब्याज दर: यह लोन कम ब्याज दर पर उपलब्ध होने के वजह से काफी किफायती है। इसका भुगतान करना भी काफी सरल और आसान है।
टैक्स लाभ: टॉप अप लोन पर भुगतान किये जाने वाला ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 24 के अधीन कर मुक्त होते हैं। इसका लाभार्थी बनने के लिए आपको यह साबित करना होगा की इसका उपयोग घर खरीदने, साज-सज्जा या नवीनीकरण के लिए किया जाएगा।
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