कौन हैं हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पूर्व IPS Amitabh Thakur ? जानिए सब कुछ
अमिताभ ठाकुर के अतीत और वर्तमान पर नजर डाली जाए तो वो वर्दी के भीड़ के बाहर के आईपीएस नजर आते हैं।
53 साल के अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। साल 1968 में मुजफ्फरपुर (बिहार) में जन्मे अमिताभ ठाकुर ने शुरूआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद Indian Institute of Technology Kanpur (IIT) और Indian Institute of Management Lucknow से पढ़ाई पूरी की थी। उसके बाद वे भारतीय पुलिस सेवा में आ गए। आईपीएस बनने के बाद अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में बतौर कप्तान तैनात रहे जिनमें बस्ती, देवरिया, बलिया, महाराजगंज, गोंडा ,ललितपुर और फीरोजाबाद शामिल हैं। अमिताभ के परिवार में पत्नी नूतन ठाकुर, एक बेटा और बेटी है उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पेशेवर वकील, समाज सेविका और RTI कार्यकर्ता हैं।
बेबाक बोल से हमेशा रहें हैं सुर्ख़ियों में
अमिताभ ठाकुर के अतीत और वर्तमान पर नजर डाली जाए तो वो वर्दी के भीड़ के बाहर के आईपीएस नजर आते हैं। उनके दिमाग में जब भी कुछ आया तो वो बेबाकी से बिना कुछ आगे-पीछे की सोचे कह, सुन लिया और बेबाक प्रतिक्रिया दे दिया। किसी भी मुद्दे पर अपनी राय रखने से जरा भी हिचकिचाते नहीं हैं। यूपी के थानों में निरीक्षकों की जगह उपनिरीक्षकों की तैनाती को लेकर सवाल उठाना हो या बीसीसीआई को चुनौती देना हो, इससे पता चलता है कि वो कभी भी हुकूमती स्टाइल के सांचे में खुद को ढाल नहीं पाए।
शस्त्र लाइसेंस में धांधली के वजह से रुक गया था प्रमोशन
मायावती राज में गोंडा में कप्तान रहते शस्त्र लाइसेंस धांधली के मामले में अमिताभ ठाकुर को विभागीय जांच का सामना करना पड़ा था। जिसके वजह से साल 2006 में डीआईजी और साल 2010 में आईजी के पद पर मिलने वाला प्रमोशन रूक गया था। इस मामले को अमिताभ ठाकुर साल 2011 में CAT में ले गए और एक लम्बी लड़ाई लड़ी। फिर अखिलेश सरकार ने साल 2013 में इनका प्रमोशन सीधे एसपी से आईजी के पद पर कर दिया था।
विवादों से रहा है पुराना नाता
अमिताभ ठाकुर पर 16 नवंबर 1993 को आईपीएस की सेवा शुरू करते समय अपनी संपत्ति की पूर्ण जानकारी शासन को नहीं देने का आरोप लगा था। वही अखिलेश यादव की सरकार में अमिताभ ठाकुर ने मुलायम सिंह यादव पर फोन कर धमकी देने का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि 15 जुलाई 2015 को मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकी दी थी, जिसको लेकर लखनऊ के पुलिस स्टेशन में तहरीर भी दिया था लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। जिस वजह से अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट की शरण ली थी और कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस के चलते अखिलेश यादव सरकार ने अमिताभ ठाकुर को निलंबित कर दिया गया था।
समय से पहले किया गया रिटायर
अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही थी। गृह मंत्रालय ने लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए अमिताभ ठाकुर को 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृत कर दिया गया था। जिसके कुछ दिनों बाद अमिताभ ठाकुर ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे क्योंकि योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में तमाम अलोकतांत्रिक, अराजक, दमनकारी, विभेदकारी तथा उत्पीड़नात्मक कार्य किए हैं।
लेखन के भी धनी हैं Amitabh Thakur
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उनके बेहतरीन लेखनी के लिए भी जाना जाता है। दो कविता संग्रह के साथ अमिताभ ठाकुर ने दो पुस्तकों का सह लेखन भी किया है।
यह भी पढ़ें: रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक, व्रत-त्योहारों से भरा रहेगा अगस्त, जानें किस दिन पड़ रहे बड़े पर्व
यह भी पढ़ें: शरिया कानून आखिर है क्या? किस प्रकार की सुनाई जाती है सजा?