लैंडमस : खुद का ठिकाना नहीं, दावा भारत में इतने लाख करोड़ रुपये निवेश का

लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. के दावों की पड़ताल में उठे कई सवाल

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जी हां एक कंपनी लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. जिसका खुद का पता-ठिकाना तक नहीं है उसने भारत में लाखों करोड़ रुपये निवेश करने का जब प्रस्ताव रखा तो बरबस ही लोगों का ध्यान आकृष्ट हो गया.

सबसे खास बात यह है कि; लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. ने इस प्रस्ताव के लिए न केवल लाखों रुपये विज्ञापन पर खर्च किये; बल्कि इश्तेहार में उसने अपना प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री को समर्पित किया.

भारत में ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ और ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के पहले पन्ने पर प्रकाशित लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. का एक विज्ञापन कई मामलों में चौंकाने वाला है. अव्वल तो प्रकाशित विज्ञापन सीधे देश के प्रधानमंत्री को संबोधित था दूसरा,  इसे जारी करने वाली कंपनी लैंडमस ने विज्ञापन के जरिये बताया कि वो भारत में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है.

कुल इतना निवेश –

500 अरब डॉलर का मतलब है भारत की मुद्रा में तक़रीबन 36 लाख करोड़ रुपये. निवेश इतनी बड़ी राशि का हो तो दुनिया का चौंकना भी लाजिमी है.

ऐसे में अंग्रेजी के स्थापित विदेशी समाचार माध्यम बीबीसी ने जब कड़ी-दर-कड़ी इस पर पड़ताल की तो लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. की हकीकत कुछ इस तरह सामने आई.

अमेरिका से भी आगे –

अकेली एक कंपनी लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. जिसका नाम कभी नहीं सुना गया वो 24 मई 2021 के विज्ञापन में अमेरिका के कुल पूंजी निवेश से 71 गुना अधिक निवेश का दावा कर रही थी. आपको बता दें, भारत में अमेरिका से कुल पूंजी निवेश 7 अरब डॉलर था.

जानिये कंपनी के बारे में –

कंपनी का नाम है लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. (Landomus Realty Ventures Inc.) विज्ञापन में लैडमस ग्रुप के चेयरमैन का नाम प्रदीप कुमार एस बताया गया है.

बड़ी राशि, पीएम के नाम संबोधन और विज्ञापन के जरिए लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. द्वारा निवेश का प्रस्ताव मीडिया में दिखने के बाद तमाम विदेशी समाचार माध्यमों ने इस विज्ञापन की पड़ताल की. सोशल मीडिया में भी इस विज्ञापन पर गदर मची.

विज्ञापन की पड़ताल करने वाले विदेशी समाचार माध्यम के मुताबिक सैंकड़ों अरब डॉलर के निवेश का दावा करने वाली कंपनी की एक पन्ने की वेबसाइट पर भी सोमवार के विज्ञापन में दर्शाई गई बातों के अतिरिक्त ज्यादा उल्लेख नहीं मिला.

अबाउट अस में बस इतना –

लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. की वेबसाइट के अबाउट अस में भी ज्यादा ब्यौरा नहीं है. पिछला प्रदर्शन कैसा रहा इसका भी उल्लेख नहीं है. न्यूजर्सी की गगनचुंबी इमारतों को कवर इमेज बनाने वाली इस वेबसाइट पर टीम के नाम पर 10 लोगों के नाम, तस्वीर और उनके पद लिखे नजर आते हैं लेकिन उनके बारे में ज्यादा कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है.

कुल जमा इतनी जानकारी –

साइट के मुताबिक लैंडमस रिएलिटी बेंचर इंक. के डायरेक्टर एवं एडवाइज़र का नाम प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश है, जो चेयरमैन और सीईओ हैं. डायरेक्टर ममता एचएन, यसहास प्रदीप कुमार, रक्षित गंगाधर, गुणाश्री प्रदीप कुमार हैं.

लैंडमस के एडवाइज़रों की फेहरिस्त में पामेला किओह, प्रवीण ऑस्कर श्री, प्रवीण मुरलीधरन, एवीवी भास्कर और नवीन सज्जन का नाम शामिल है.

कंपनी की वेबसाइट पर न्यूजर्सी का एक पता तो दिया गया, लेकिन कोई फोन नंबर नहीं है. इस वेबसाइट पर कंपनी के विज़न आदि के बारे में भी कुछ उल्लेख नहीं है.

वेबसाइट पर बताए गए पते पर पता करने पर जानकारी मिली कि वो रिहाइशी इलाका है जहां कभी कोई दफ्तर नहीं रहा. देखरेख करने वाली महिला ने बताये गए पते पर कौन रह रहा है? इस बारे में गोपनीयता के कारण जानकारी उजागर नहीं की.

ईमेल

वेबसाइट पर दर्शाए गए ईमेल पर सवालों की लिस्ट दी गई तो लैंडमस के सीईओ प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने संक्षिप्त जवाब दिया. उन्होंने बताया कि हमने भारत सरकार को अपने विवरण भेजे हैं और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जब हमें जवाब मिलेगा तो हम पूरा विवरण आपको फॉरवर्ड करेंगे और सारी जानकारी भी सार्वजनिक करेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने लैंडमस से जुड़े इस सारे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. न ही कोई सरकारी घोषणा या टिप्पणी सरकार की ओर से सामने आई है. कंपनी के दफ्तर की जानकारी के बारे में लैंडमस के सीईओ ने बताया है कि आपकी जानकारी के लिए, मैंने अमेरिका के न्यूजर्सी में किराये पर एक घर लिया है.

सैंकड़ो अरब डॉलर निवेश का दावा करने वाली लैंडमस का कोई दफ्तर नहीं है और वो एक रिहाइशी पते को अपने दफ्तर का पता बता रही है, जो असामान्य बात है.

जानकारी खंगालने पर पता चला कि लैंडमस की वेबसाइट को सितंबर 2015 में कर्नाटक में बनाया गया है. ऑर्गनाइजेशन के नाम पर यूनाइटेड लैंड बैंक का नाम दिया गया है.

पेडअप कैपिटल महज इतना

रिपोर्ट के मुताबिक कारपोरेट मंत्रालय के हवाले से जानकारी मिली कि जुलाई 2015 में लैंडमस रिएलिटी वैंचर प्रा. लि. के नाम से एक कंपनी बंगलुरु में रजिस्टर्ड हुई थी. इसका पेडअप कैपिटल एक लाख रुपए है. ऐसे में कंपनी की क्षमता पर सवाल उठना लाजिमी है.

अनियमित सालाना बैठक

लैंडमस की सालाना आम बैठक सितंबर 2018 में हुई थी. इसके अलावा 31 मार्च 2018 के बाद से कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट अपडेट नहीं की है.

दूसरा पता भी गलत

लैंडमस के कागजात से कंपनी का बंगलुरु का एक पता मिला जिसे लैंडमस रिएलिटी वेंचर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का ठिकाना बताया गया था. इस पते पर टेक कंपनी का ऑफिस जरूर मिला लेकिन लैंडमस रिएलिटी वेंचर का दफ्तर नहीं.

यहां तक कि पूरी चौथी मंजिल पर लैंडमस का अता-पता नहीं था. बंगलुरु और न्यूजर्सी के दोनों पतों पर लैंडमस का दफ्तर नही है.

रिपोर्ट्स के अनुसार 10 सदस्यों में से एक गैर भारतीय महिला जिसे एडवाइज़र बताया गया है, उन्होंने भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया.

पीएम को संदर्भित लाखों रुपयों के लैंडमस के विज्ञापन में भारत में लाखों करोड़ रुपयों के निवेश का प्रस्ताव देने वाली कंपनी लैंडमस के बारे में सोशल मीडिया पर भी चर्चा हुई. यूज़र्स ने इस लाखों रुपयों के विज्ञापन को किसी की ओर से किया गया मजाक/शरारत बताया है.

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