100 करोड़ के नुक्सान के बाद मुरझा गए फूल कारोबारी और किसानों के चेहरे
पूर्वांचल हो या पश्चिम UP दोनों का ही फूल कारोबार ठप ही चूका है. असल में फूलों का कारोबार कोरोना कर्फ्यू के कारण एकदम ख़त्म हो गया गया है. फूलों कि खेती तो एकदम ख़त्म हो गई है और उसी बीच कोल्ड स्टोरेज में रखे विदेशी फूल सड़ चुके है. कोरोना कर्फ्यू के कारण प्रदेश में होने वाली शादियाँ और तमाम कार्यक्रम रद्द हो चुके है जिसकी वजह से हमेशा गुलज़ार रहने वाली फूल मंडियां आज सन्नाटे की गूँज में है.
पिछले साल भी व्यापारियों आर किसानों का कुछ ऐसा ही हाल था, लॉकडाउन के चलते उनका व्यापार पूरी तरह से खत्म हो गया था. इस साल मार्च के महिने से किसानों और व्यापारियों में एक उम्मीद बंधी थी. लेकिन सारु उम्मीदों पे कोरोना के दूसरे वेव ने पानी फेर दिया.
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इन फूलों की होती है सबसे ज्यादा फसल
पश्चिम UP में मुनाफे के उम्मीद लिए किसान ज़्यादातर गेंदा, गुलाब, चंपा और चमेली कि सैकड़ों हेक्टेयर में खेती करते है. किसानों ने किसी तरह कर के अपने खेत जुतवाए थे और नतीजें में सिर्फ नाकामी ही मिली. यही नहीं वव्यापारियों ने सजावट के लिए बंगाल से कारीगर भी बुलाए थे लेकिन इनका ये मूव इनके लिए घाटे का सौदा साबित हुआ.
हजारों हेक्टेयर फूल की फसल चौपट
पश्चिम यूपी में सैकड़ों हेक्टेयर फसल खेतों में ही चौपट हो गई. मेरठ के किसानों को गेंदा और रजनीगंधा के फूल खेत ने जोतने पड़ गए. वही मुरादाबाद में कई किसानों ने पाबंदियों के चलते फूलो को खेतों से तोडा ही नहीं. बरेली में कोई भी व्यापर न होने के करण किसानों ने खेतों में से फूल ही उजाड़ दिए. ऐसे में किसानों की भारी लगात वाली खेती पूरी तरीके से चौपट ही चुकी है. आगरा में गेंदा, चंपा, गुलाब और चमेली के फूल का पैदावार ज्यादा मात्रा में होती थी. ऐसा बताया जा रहा है कि करीब 100 कुंतल फूल खेतों में ही खत्म हो गए है.
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करोड़ों के व्यापार की धज्जिया उड़ी
फूलों के डेकोरेशन का व्यापार करोड़ों रूपये का हुआ करता था. लेकिन हाल ये है कि आज वह व्यापार सिमट कर चंद रूपये का हो चूका है. वाराणसी स्थित इंगलिशिया लाइन फूल मंडी में लॉकडाउन से पहले 1 करोड़ का व्यापर प्रतिदिन हुआ करता था जो आज घट के 10 से 15 लाख के बीच में सिमट चूका है. गोरखपुर में रोज़ का व्यापार 25 से 30 लाख का हुआ करता था और आज के डेट में वह व्यापार एक लाख का भी नहीं हो पा रहा है. लखनऊ में करीब 30 हज़ार शादियां टलने कि वजह से सीधा असर फूल व्यापारियों और किसानों पे पड़ा है. प्रयागराज में 30 लाख के विदेशी फूल कोल्ड स्टोरेज में ही सड़ गए है. सीधे तौर पर फूल किसानो और व्यापारियों पर 100 करोड़ का नुक्सान पहुंचा है.
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