शहरों से गाँव तक कोरोना का मंज़र, तेज़ी से बढ़ें मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन

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कोरोना की दूसरी पारी ने लोगों को परेशान कर रखा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मृत्यु दर भी बढ़ रहा है. इस बार कोरोना से मरने वालों की संख्या पिछले बार से काफी ज्यादा रही जिसकी वजह इसका खौफ लोगों में बहुत ज्यादा है. श्मशान घाटों पे लम्बी शव की कतारों ने इसका साक्ष्य लोगों को दिया. शहरों की हालत देखकर लोगों को डर ज़रूर लगेगा लेकिन आपको बता दे कि गाँव की भी कुछ ऐसी ही हालत है.

शहर से गाँव की तरफ बढ़ा कोरोना

शहरों के बाद अब कोरोना गाँव-गाँव फ़ैल रहा है. गाँव में भी इसके शुरूआती लक्षण सर्दी, जुखाम और खासी से ही शुरू होते है और फिर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद इलाज के आभाव में मरीज की मौत हो जा रही है. और ऐसे ही कोरोना का दहशत पूरे गाँव में बढ़ता जा रहा है.

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मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन बढ़ें

गाँव में कोरोना का मंज़र खौफजदा हो चूका है. गाँव में बढ़ रहे मृत्यु दर साफ़ तौर पर ये दर्शाते है कि कोरोना संक्रमण को लेकर अभी भी लोग उतने सजग नहीं हुए है, या फिर जानकारी के अभाव में मरीजों की जान चली जा रही है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्यूंकि बीतें कुछ दिनों में मृत्य प्रमाणपत्र के आवेदन बढे है.

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आकड़ें बता रहे है हाल

मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन बीते कुछ दिनों में बढ़ें है. ग्रामीण इलाकों के आठ ब्लाक में जहाँ पहले 250 के आसपास आवेदन आते है अब वह बढ़कर 350-400 हो चुके है. इस आकड़ें में अस्पताल व घर में होने वाली मौतें शामिल है. अधिकारीयों ने बताया कि एक माह में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने वालो कि संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ी है.

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