आंदोलन की राह पर बीएचयू के छात्र, हॉस्टल और लाइब्रेरी खोलने की मांग

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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्र एक फिर से आंदोलन की राह पर निकलते दिख रहे हैं। दरअसल कोरोना की वजह से ठप पड़ी पढ़ाई छात्र आंदोलन की वजह बनती दिख रही है। शुक्रवार को कैंपस में छात्रों के अलग-अलग गुट धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। कुछ छात्रों ने जहां वीसी आवास के बाहर धरना दिया तो दूसरे गुट ने सेंट्रल ऑफिस पर तालाबंदी करते हुए नारेबाजी की। छात्रों के विरोध प्रदर्शन से कैंपस का माहौल फिर से गर्म हो गया है।

वीसी आवास पर जुटे एमबीए छात्र-

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शुक्रवार की सुबह विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई वीसी आवास से। यहां पर एमबीए के छात्र धरने पर बैठ गए। छात्रों का कहना था कि कोरोना की वजह से पिछले दस महीने से पढ़ाई ठप है। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उन्हें पहले की तरह सभी सुविधाएं दी जाएं। छात्रों ने ऑनलाइन क्लास का विरोध किया।

प्रदर्शनकारी छात्र श्लोक गुप्ता बताते हैं कि विश्वविद्यालय द्वारा कहा गया था कि तृतीय वर्ष की परीक्षाएं समाप्त हो जाएगी तो विश्वविद्यालय खुल जाएगा, लेकिन संबंध में अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला। कड़ी मेहनत के बाद हम लोगों ने इंट्रेस पास करने के बाद एमबीए में हमारा दाखिला हुआ। लेकिन मौजूदा लचर व्यवस्था के चलते हमारी पढ़ाई चौपट हो रही है।

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सेंट्रल ऑफिस पर की तालाबंदी-

छात्रों ने मांग करते हुए कहा कि संट्रेल लाइब्रेरी को भी शत-प्रतिशत संख्या के साथ खोला जाए। इसके साथ ही हॉस्टल आवांटन की प्रक्रिया भी शुरु की जाए। इसके अलावा कैंपस के सभी जलपान गृहों, छात्रावासों में मेसव कैंटीन की सुविधा तत्काल शुरु की जाए। धरने पर बैठे छात्रों ने कहा कि आगर हमारी बात नहीं मानी गई तो यह धरना अनवरत चलता रहेगा, जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

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मौके पर पहुंचे डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने धरने पर बैठे छात्रों को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांग को लेकर लामबंद रहे। वहीं दूसरी ओर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सेंट्रल ऑफिस पर तालाबंदी कर दी। उनकी मांग थी कि विश्वविद्यालय हॉस्टल सुविधा तत्काल बहाल की जाए। छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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