हिंदू लड़की की मुस्लिम युवक से हो रही थी शादी, मौके पर पहुंच गई पुलिस और फिर…
धर्म परिवर्तन पर नए यूपी अध्यादेश के उल्लंघन का हवाला देते हुए लखनऊ में बुधवार शाम एक अंतर-धर्मिक विवाह को रोक दिया गया। एक समारोह में हिंदू दुल्हन और मुस्लिम दूल्हा दोनों शादी करने जा रहे थे।
यह शादी पहले हिंदू परंपरा और फिर उसके बाद मुस्लिम रीति-रिवाजों से होनी थी। शादी को जिला हिंदू महासभा प्रमुख की सूचना और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद रोका गया। यह शादी दोनों के परिवारों की रजामंदी से हो रही थी।
लड़की रैना गुप्ता (22) केमेस्ट्री से पोस्टग्रैजुएट है। वहीं मोहम्मद आसिफ (24) फार्मासिस्ट है। एडिशनल डीएसपी साउथ सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि पारा इलाके के आयोजन स्थल था। पहले विवाह और फिर निकाह होना था।
पुलिस ने इस शादी को रोक दिया। पारा पुलिस थाना इंचार्ज त्रिलोकी सिंह ने कहा कि इस शादी के बारे में हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष बृजेश शुक्ला ने जानकारी दी थी।
सहमति से हो रहा था विवाह-
इस बारे में दुल्हन के पिता विजय गुप्ता ने बताया कि शादी के लिए कोई जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया गया था और दोनों परिवारों ने बिना शर्त अपनी सहमति दे दी थी।
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि एक अंतर-धर्म विवाह के लिए अगर दोनों पक्ष राजी हैं तो भी विवाह केवल जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद ही हो सकता है।’
दुलहन के पिता ने कहा कि अब वह पहले इस विवाह के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति लेंगे, उसके बाद ही विवाह करवाएंगे। इधर दूल्हे ने इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
पुलिस ने दी यह दलील-
एडिशनल डीसीपी रावत ने कहा कि विवाह को हाल ही में अधिसूचित उत्तर प्रदेश निषेध धर्म परिवर्तन अध्यादेश, 2020 के धारा 3 और 8 (खंड दो) के अनुसार रोका गया।
इस अध्यादेश में कहा गया है कि किसी भी धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं करना चाहिए। शादी के लिए, जबरन, किसी को उकसाकर, धोखे से, लालत देकर, खरीद-फरोख्त, बरगलाकर धर्म परिवर्तन करवाना गैर-कानूनी है।
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