शहर का हाल जानने निकले थे DM, लोगों बोले – पुलिस पकड़कर बंद कर देगी

रामपुर शहर में बिना किसी तामझाम के लॉकडाउन की हकीकत जानने सड़क पर अकेले पैदल निकले डीएम को लोगों ने अनजाने में आड़े हाथों ले लिया।

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राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में तमाम दिलचस्प किस्से देखने-सुनने को मिल रहे हैं। दिल्ली में जहां एक मैडम की मसाज के लिए घर में काम वाली बाई बुलाने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और एक ड्राइवर को चोरी-छिपे घर बुलाकर कार धुलवाने वाले मालिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया, वहीं अब उत्तर प्रदेश के रामपुर जिला मुख्यालय में नया दिलचस्प मामला सामने आया है।

रामपुर शहर में बिना किसी तामझाम के लॉकडाउन की हकीकत जानने सड़क पर अकेले पैदल निकले डीएम को लोगों ने अनजाने में आड़े हाथों ले लिया। जिलाधिकारी को आम-नागरिक समझकर लोगों ने यहां तक कह दिया, ‘लॉकडाउन में सड़क पर टहल रहे हो, पुलिस पकड़कर बंद कर देगी। मारेगी सो अलग। लौट जाओ।’

अकेले ही सड़कों पर निकले डीएम-

जिलाधिकारी रामपुर आञ्जनेय कुमार सिंह यह सब देख व सुनकर कुछ नहीं बोले और चुपचाप आगे बढ़ते रहे। दरअसल, हुआ यह था कि कुछ दिनों पहले शहर में लॉकडाउन नियमों के पालन की हकीकत परखने को रामपुर के डीएम 10-11 अप्रैल को आधी रात में बिना सरकारी लाव-लश्कर के अकेले ही मोटरसाइकिल से शहर की सड़कों पर निकल गए थे।

औचक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने शहर में कई जगह लॉकडाउन ड्यूटी में खामियां पाईं। अगले दिन उन्होंने कुछ लापरवाह सेक्टर मजिस्ट्रेट्स को दफ्तर बुलाकर खूब खरी-खोटी सुनाई। जबकि उस रात भ्रमण के दौरान एलआईसी चौराहे पर डीएम को मोहित नाम के जिस सिपाही ने बेवजह मोटरसाइकिल पर घूमने के आरोप में हड़काया था, उसे अगले दिन डीएम ने दफ्तर में बुलाकर शाबाशी दी। बाकायदा उस सिपाही को उसकी कर्तव्यनिष्ठा का लिखित प्रमाणपत्र भी सौंपा गया।

बेतहाशा भीड़ देखकर आगबबूला हुए डीएम-

रामपुर जिला पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने कहा, ‘बुधवार को जिलाधिकारी ए.के. सिंह सुबह सात बजे बिना किसी को बताए अचानक बिलासपुर इलाके में जा पहुंचे। वहां उन्होंने मुल्ला खेड़ा मेन रोड पर सब्जी विक्रेताओं का हुजूम लगा देखा।’

पुलिस सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन में इलाके में बेतहाशा भीड़ देखकर जिलाधिकारी ने उप-जिलाधिकारी और पुलिस इंस्पेक्टर को सरेआम बुरी तरह लताड़ा।

सूत्रों के मुताबिक, ‘डीएम को तय स्थान से खुद डिप्टी कलक्टर, क्षेत्राधिकारी पुलिस (सीओ) और पुलिस इंस्पेक्टर भी नदारद मिले। डीएम ने दो टूक सरेआम चेतावनी दी कि अगर अब जिला प्रशासन या फिर पुलिस प्रशासन का जो भी जिम्मेदार अफसर लापरवाही बरतता मिला, तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। गुस्साए जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने ड्यूटी पर लापरवाही पाए जाने पर कई सेक्टर मजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया है।’

डीएम की ज़िम्मेदारी-

सूत्रों के मुताबिक, डीएम ने कुछ पेट्रोल पंपों पर सोशल डिस्टेंसिंग सही से लागू न होने पर उनके चालान कटवाए। इसके अलावा सड़क पर खड़े होकर 100 से ज्यादा वाहनों का भी चालान कटवाया।

इस संबंध में रामपुर जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने कहा, ‘सरकारी मशीनरी पर नजर रखना जरूरी है। यह सब पहली जिम्मेदारी मेरी है, डीएम होने के नाते। इसलिए मेरा शहर में कहीं भी चले जाना कोई नई बात नहीं है। आम आदमी की तरह रोड पर जाने से मुझे अपने ही मातहत सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की कमजोरियों का पता चलता है। इन कमियों को तुरंत दूर करने की कोशिश भी करता हूं।’

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