इन दिनों दुनिया में अगर किसी बीमारी की चर्चा है तो वो कोरोनावायरस है। इसी तरह अगर कोई दवा सबसे अधिक चर्चा में है तो वो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है। जी हां यह वही दवा है जिसे अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगा है। पर क्या आपको पता है कि दुनिया में इस डिमांडेड दवा को बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी इप्का लैब है, जिसके मालिक कभी बिग बी यानि अमिताभ बच्चन भी हुआ करते थे। नहीं मालूम तो चलिए हम बताते इसके बारे में।
अजिताभ और जया भी थे हिस्सेदार-
इप्का दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। भारत में हाइडोक्सीक्लोरोक्वीन की करीब 82 फीसदी सप्लाई यही कंपनी करती है। वहीं पूरी दुनिया में इसका मार्केट शेयर तकरीबन 70 फीसदी का है। इस कंपनी के बारे में यह कम लोगों को पता होगा कि 1975 में इस कंपनी कंपनी का टेकओवर अमिताभ बच्चन ने किया था।
1975 में अभिताभ बच्चन ने बिजनेस में हाथ आजमाने की सोची और भाई अजिताभ बच्चन और पत्नी जया बच्चन के साथ मिलकर इप्का लैब को टेकओवर किया। अभिताभ, अजिताभ और जया की इस कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी थी बाकी 18 फीसदी हिस्सेदारी एमआर चंदूरकर और प्रेमचंद गोढा के पास थी।
इसके बाद अमिताभ, अजिताभ और जया इप्का के बोर्ड में शामिल हो गए। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में एमआर चंदूरकर और प्रेमचंद गोढा भी शामिल थे। 1975 में जब अमिताभ ने इस कंपनी का टेकओवर किया था।
हिस्सेदारी बेचने से मिले तो 80 करोड़-
मीडिया रिपोर्ट्स के बाद में अभिताभ, अजिताभ और जया ने अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी। इसके बदले में अभिताभ, अजिताभ और जया को 80 करोड़ रुपए मिले थे। अभिताभ, अजिताभ और जया द्वारा इपका लैब्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद कंपनी के मालिक एमआर चंदूरकर और प्रेम चंद गोढा हो गए थे।
बताते चलें कि इप्का 1949 में दो मेडिकल प्रोफेशनल्स केबी और डॉ. एनएस टिबरेवाला ने मिलकर शुरू किया था। अब यह कंपनी एक ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी बन चुकी है। इस कंपनी में 12000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
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