बदली मंत्रियों की दिनचर्या, रखे रहे इस बात का खास ख्याल!

अगर कहीं जाना जरूरी ही पड़ गया तो वे 'सोशल डिस्टेंसिंग' का पूरा ख्याल रखते हैं।

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कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में लागू लॉकडाउन से सरकार का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। अधिकांश मंत्री जहां घर के कार्यालय से सरकारी कार्यो का निपटारा कर रहे हैं। अगर कहीं जाना जरूरी ही पड़ गया तो वे ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का पूरा ख्याल रखते हैं। (Bihar Ministers routine)

लॉकडाउन के बाद बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में भी मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और अपनी बात रखी। वैसे कई मंत्री अपने शौक को पूरा कर अपने परिवार के साथ भी समय गुजार रहे हैं।

बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार की दिनचर्या पूरी तरह बदल गई है। कुमार इस लॉकडाउन के दौरान भी सुबह उठते हैं। पटना जू के बंद रहने के कारण सड़कों पर ही टहल रहे हैं। इसके बाद वे फोन पर लॉकडाउन में बाहर फंसे लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। यह सिलसिला देर शाम तक चलते रहता है।

उन्होंने स्वीकार किया कि दिनचर्या तो बदल ही गई है। पहले जहां दिनभर में सैकड़ों लोगों से मिलते थे, वहीं अब गिने-चुने लोगों से ही मिल पा रहे हैं।

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लॉकडाउन का पालन करने की अपील-

उल्लेखनीय है कि मंत्री नीरज कुमार ने अपना निजी मोबाइल नंबर जारी कर फंसे लोगों को अपने समस्या बताने का आग्रह किया है।

इधर, आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण से बचने के सभी एहतियाती उपाय भी किए जा रहे हैं।

बिहार सरकार के सभी से लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रही है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पूर्णत: लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री भी अपना अधिकांश समय घर में ही गुजार रहे हैं। सरकारी आवश्यक बैठक होने पर घरों से निकल जरूर रहे हैं, लेकिन सरकारी काम भी घरों से ही निपटा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग लॉकडाउन का पालन करें और घरों में ही रहें।

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Bihar Ministers routine : इस तरह समय काट रहे मंत्री-

उद्योग मंत्री श्याम रजक भी इस लॉकडाउन में कार्यालय नहीं जाते हैं और ना ही कोरोना वायरस के कारण लोगों से मिल ही पा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं घर के बाहरी कमरे में बने कार्यालय से ही सरकारी कार्य निपटाता हूं और किताबें पढ़ रहा हूं। इस लॉकडाउन में अभी तक कई पुस्तकों को पढ़ चुके हैं, जिसमें रामधारी सिंह दिनकर, भीमराव अंबेडकर की लिखी पुस्तकें भी शामिल हैं।’

मंत्री ने यह भी कहा कि इन दिनों व्यस्तता कम रहने के कारण उनका समय मोबाइल फोन पर भी कुछ ज्यादा ही कटता है।

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