नीलेश मिसरा और सुधांशु राय की ये चार कहानियां आपको करेंगी प्रेरित
हमारी जिंदगी में ऐसे पल भी आते हैं जब हम बेहद निराश हो जाते हैं और यहां तक कि अपने यार-दोस्तों के चुटकुलों पर भी एक फीकी मुस्कान तक हमारे होंठों पर नहीं आ पाती। ऐसे ही वक्त में, अलग-अलग लोग अपने मन-मस्तिष्क को सुकून पहुंचाने और कुछ सुस्ताने के लिए कुछ न कुछ अलग करते रहते हैं। हम में से कुछ पुराने पसंदीदा गाने सुनते हैं, तो कुछ कविताएं या कहानियां लिखते हैं। और कुछ के लिए प्रेरणास्पद कहानियां चमत्कार की तरह असर करती हैं। ऐसी प्रेरक कहानियां आपको अवसाद से निकाल सकती हैं और यहां तक कि जिंदगी के प्रति एक नया नज़रिया भी देती हैं।
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हम आपके लिए लाए हैं चार जोरदार और प्रेरक कहानियां जिन्हें सुना रहे हैं जा177ने-माने स्टोरीटैलर्स नीलेश मिसरा और सुधांशु राय। ये कहानियां आपको प्रेरित करेंगी और साथ ही बतौर इंसान आपको बदलने के लिए भी प्रेरित करेंगी। इनमें से दो कहानियां नीलेश मिसरा प्रोजेक्ट की हैं जबकि दो अन्य लोकप्रिय यूट्यूब चैनल कहानीकार सुधांशु राय की हैं, जिन्हें इन्होने खुद लिखा है और अपनी आवाज़ में पेश किया है।
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अध्यापक राम:
जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, यह कहानी एक शिक्षक की है जिसने अपना पूरा जीवन एक छोटे से गांव में गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने इस गांव में 24 साल बिताए और इस दौरान सैंकड़ों लोगों की जिंदगी संवार दी। लेकिन उन्हें अपनी जिंदगी में सबसे बड़ा झटका तब लगा जब सरकार ने उन्हें उनके दो दशक पुराने घर को खाली करने का फरमान सुनाया। अब वो छोटी-छोटी चीज़ें भी उनसे छूट जाएंगी जो उन्हें बेहद अज़ीज थीं, जैसे बरगद का दरख़्त उनके जीवन के आखिरी वर्षों में उनका साथी अब नहीं रहेगा। लेकिन तभी एक अनअपेक्षित घटना घटती है जब एक सीनियर सरकारी अधिकारी उनके घर आता है। आइये सुनते हैं कहानी अध्यापक राम:
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असावरी:
यह कहानी अनुलता राज नायर ने लिखी है और नीलेश मिसरा इसे सुना रहे हैं। कहानी की प्रमुख किरदार एक महिला सरकारी अधिकारी असावरी हैं जो मध्य प्रदेश की रहने वाली है। वह कठोर अनुशासन पसंद अधिकारी हैं और सख्ती तथा पूरी ईमानदारी के साथ भू/भवन निर्माण माफिया से टक्कर लेती हैं। लेकिन इस कठोर अधिकारी का भी एक कोमल मन है जिसमें एक पुराने दोस्त को लेकर मौहब्बतें जिंदा हैं। वह भावनाओं के उतार-चढ़ाव को महसूस करती है और उसके साथ आने वाली चुनौतियों से जूझती है। असावरी का जिंदगीनामा हमें कई स्तरों पर प्रेरित करता है। सुनते हैं असावरी की कहानी:
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मंगू चित्रकार:
सुधांशु राय द्वारा लिखी गई इस कहानी को वही सुना रहे हैं और यह प्रेरक कहानी है एक छोटे बच्चे की जो छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो देता है और तभी से उसकी नानी उसे पालती-पोसती है। इस बच्चे के हाथों में जादू है और वह कैनवस और पेंट्स की जुबानी बहुत कुछ कहता है। लेकिन गरीबी की वजह से उसे अपनी नानी से भी बिछुड़ना पड़ता है और यह काफी दर्दनाक मंज़र होता है। उसके उत्साह और प्रतिभा का परिणाम यह होता है कि वह लौटता है और वो भी पहले से बेहतर बनकर। चलिए अब सुनते हैं एक और कहानी जिसका नाम है मंगू चित्रकार:
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एक थे मास्टरजी:
यह एक और मास्टरपीस है और इसे भी अनुलता राज नायर ने लिखा है तथा नीलेश मिसरा ने सुनाया है। यह कहानी एक बुजुर्ग और सेवानिवृत्त ग्रामीण शिक्षक के इर्द-गिर्द मंडराती है जिनके बेटे की एक बड़े महानगर में काफी ऊंचे पद पर नौकरी लग जाती है। ‘मास्टरजी’ के जीवन में बस दो ही शौक हैं – पहला अपने बेटे के साथ वक़्त बिताना और दूसरा, भारत के सभी बड़े शहरों की सैर। हम में से अधिकांश लोगों की तरह उनका इरादा सिर्फ अपनी जड़ों तक सिमटे रहने का नहीं है। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर है। उनकी यह कहानी हमें यह संदेश देती है कि मौत भी हमें अपनी जिंदगी का पूरा लुत्फ लेने से नहीं रोक सकता। आइये सुनें यह दिलचस्प कहानी:
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