टलते-टलते आखिरकार हो गई निर्भया के दोषियों को फांसी
मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। इसके साथ ही देश को झकझोर देने वाले, यौन उत्पीड़न के इस भयानक अध्याय का अंत हो गया।
मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
इस मामले की 23 वर्षीय पीड़िता को ‘निर्भया’ नाम दिया गया था जो फिजियोथैरेपी की छात्रा थी।तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, ‘डॉक्टरों ने शवों की जांच की और चारों को मृत घोषित कर दिया।’
जेल अधिकारियों ने बताया कि चारों दोषियों के शव करीब आधे घंटे तक फंदे पर झूलते रहे जो जेल नियमावली के अनुसार फांसी के बाद की अनिवार्य प्रक्रिया है।
Nirbhaya Convicts Hanged : दोषियों ने किया सारे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल-
दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई। इस जेल में 16,000 से अधिक कैदी हैं।
चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और गुरुवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली।
सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई। अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।
यह भी पढ़ें: निर्भया के दोषियों के परिवार की नई तिकड़म, राष्ट्रपति से कहा-मरने के सिवा कोई रास्ता नहीं
यह भी पढ़ें: फांसी से एक दिन पहले बोला निर्भया का दोषी, हमें लटकाने से नहीं रुकेंगे रेप