निर्भया गैंग रेप : क्या गुनहगारों के पास बाकी है कोई विकल्प?
क्या 20 मार्च का अंजाम भी 22 जनवरी, एक फरवरी या तीन मार्च जैसा तो नहीं होगा?
लंबे समय से निर्भया गैंग रेप के दोषियों का मामला कोर्ट में चल रहा है। कई बार फांसी की सजा की घोषणा हुई हुई परंतु कानूनी दांवपेच के चलते यह तारीख आगे बढ़ती जा रही है। अब निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने की नई तारीख का ऐलान हुआ है। दिल्ली की एक अदालत ने अब नया डेथ वारंट जारी किया है, जिसके तहत 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होगी।
इस बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या 20 मार्च का अंजाम भी 22 जनवरी, एक फरवरी या तीन मार्च जैसा तो नहीं होगा? इस मामले पर निर्भया की वकील का कहना है कि यह आखिरी डेथ वारंट साबित होगा।
राष्ट्रपति की दया याचिका को चुनौती-
इस मामले में बाकी तीन आरोपियों विनय, अक्षय और मुकेश के सभी कानूनी विकल्प लगभग खत्म हो चुके है लेकिन अभी पवन के पास एक लाइफ लाइन बाकी है। पवन के पास जो इकलौती लाइफ लाइन बची है वो है राष्ट्रपति की तरफ से खारिज दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना।
पवन की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। इसके बाद गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया। पर पवन ने अभी खारिज दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है। मौत से बचने के लिए 20 मार्च से पहले-पहले वो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती जरूर देगा।
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