भारत-अमेरिका दौरे पर 8 समझौते पर लगी मुहर, ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस का सौदा पक्का

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भारत और अमेरिका के बीच 8 समझौते पर मुहर लग गई है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राजकीय यात्रा में भारत-अमेरिका के बीच 8 सौदा पक्का हो गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच कई अहम समझौते हुए हैं। दोनों देशों के नेताओं ने व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय बातचीत कर आठ अहम समझौतों पर साइन कर दिया है।

 

8 समझौतों पर हुआ करार

बता दें, इन समझौतों पर मुहर लगने के बाद भारत-अमेरिका के बीच के संबंध और भी मजबूत हो जाएंगे। बैठक के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस समेत कई समझौतों की घोषणा की। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले सबसे अहम समझौते में ‘आर्टेमिस एकॉर्ड्स’ शामिल है। इसके जरिए समान विचारधारा वाले देश को नागरिक अंतरिक्ष खोज वाले मुद्दे पर एक साथ काम करते हैं। साल 2024 में नासा और इसरो एक साथ मिलकर संयुक्त मिशन करने पर सहमत हुए हैं। इस मिशन के पूरा होने के बाद भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो अंतरिक्ष में अमेरिका का सहयोगी है। अगले साल नासा के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की भी यात्रा करेंगे।

भारत में बनेंगे सेमीकंडक्टर

कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन ने गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग का संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया है। माइक्रोन टेक्नोलॉजी और भारत नेशनल सेमीकंडक्टर मिशन मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर बनाएंगे। इसके लिए कंपनी की ओर से  2.75 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। राष्ट्रपति बाइडेन की ओर से कहा गया है कि कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के टेस्ट और इलाज के लिए इस समझौते पर सहमति जताई गई है।

देश में लगेगा इंजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

भारत में जीई एयरोस्पेस कंपनी का इंजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। इसके बाद फाइटर जेट के इंजन भारत में बनने लगेंगे। जानकारी के मुताबिक, इस कंपनी में भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट तेजस के मेक-2 का एफ 414 इंजन बनाया जाएगा। इसके तहत अब GE एयरोस्पेस HAL के साथ मिलकर भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाएगी।

INDUS-X की होगी शुरूआत

भारत और अमेरिका ने मिलकर यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सीलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) शुरू करने के फैसले पर सहमति जताई है। जिस नेटवर्क में दोनों देशों की यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री और थिंक टैंक्स शामिल होंगे। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्पेस फोर्स ने भारत के स्टार्टअप्स 114AI और 3rdiTech के साथ MoU पर हस्ताक्षर किया किया है। इस समझौते के बाद भारतीय स्टार्टअप कंपनियां भी आने वाले समय में दुनिया के अन्य देशों में अपना हथियार सप्लाई कर सकती है।

दोनों देश आपस में बांटेंगे तकनीक

भारत और अमेरिका के बीच इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की शुरुआत भी की गई है। हालांकि, दोनों देशों के बीच इसकी शुरुआत जनवरी में ही हो गई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा अमेरिकी दौरे पर की गई है। इसके साथ ही, दोनों देशों ने आपस में समझौता किया है कि वो आपस में जटिल तकनीक बाटेंगे और उसको सुरक्षित रखेंगे।

भारत-अमेरिका सौदे से चीन बौखलाया

भारत और अमेरिका के बीच एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की खरीद पर भी मुहर लगी। इसकी तैनाती हिंद महासागर, चीनी सीमा के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जाएगी। इस सौदे के तहत भारत के खाते में 29 हजार करोड़ रुपये में 30 लड़ाकू ड्रोन आ जाएंगे। दोनों देशों के इस समझौते से चीन काफी बौखलाया हुआ है। फिलहाल, भारत को यह ड्रोन पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिए जाएंगे, इसके बाद तीनों सेनाओं से फीडबैक मिलने के बाद इनका निर्माण भी भारत में किया जाएगा।

हैदराबाद-बेंगलुरु में बनेगा अमेरिका के दो दूतावास

भारत के हैदराबाद और बेंगलुरु में अमेरिका ने दो नए दूतावास स्थापित करने का ऐलान किया है। देश की राजधानी में स्थापित अमेरिकी दूतावास विश्व के सबसे बड़े दूतावासों में से एक है। गौरतलब है कि यह अमेरिकी दूतावास मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में चार वाणिज्य दूतावासों के साथ समन्वय करता है और यह सुनिश्चित करता है कि दोनों देशों के बीच के संबंधों में किसी तरह का तनाव न आए। भारतीय रेलवे और अमेरिकी संघीय सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) ने 14 जून को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। USAID/India आर्थिक विकास, कृषि क्षेत्रों, व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, लोकतंत्र, मानवीय सहायता, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों में सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय विकास का समर्थन करता है।

 

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