न्यूजीलैंड में सोमवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई है। फिलहाल, भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने ट्वीट किया, न्यूजीलैंड के केरमाडेक द्वीप समूह में सोमवार को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। NCS के मुताबिक, भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर आया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, न्यूजीलैंड के केरमाडेक द्वीप समूह में भूकंप की गहराई 10 किमी बताई गई है। भूकंप के बाद अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली की ओर से सुनामी के खतरे का अलर्ट जारी किया गया है। बता दें, पिछले महीने 7.1 तीव्रता का भूकंप केर्माडेक द्वीप समूह में आया था।
Earthquake of magnitude 7.2 jolts New Zealand
Read @ANI Story | https://t.co/ej9uMvkTff#Earthquake #NewZealand #KermadecIslands #NationalCenterforSeismology #NCS pic.twitter.com/9cphNL3iLJ
— ANI Digital (@ani_digital) April 24, 2023
भूकंप आने पर क्या करें…
भूकंप आने की स्थिति में हमेशा शांत रहना चाहिए और दूसरों को आश्वस्त करना चाहिए।
घटना के दौरान, हमेशा सबसे सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। जैसे- खुली जगह, इमारतों से दूर खड़े होना चाहिए।
घर के अंदर रहने वाले वैसे लोग जो समय रहते नहीं निकल पाते, उन्हें डेस्क, टेबल या बिस्तर के नीचे छिप जाना चाहिए। साथ ही शीशे वाले खिड़कियों से दूर रहना चाहिए।
शांत रहते हुए इमारत से बाहर जाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे भगदड़ मच सकती है।
यदि बाहर हैं तो इमारतों और बिजली के तारों से दूर हट जाना चाहिए और चलते वाहनों को तुरंत रोक देना चाहिए।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक…
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
यह भी पढ़ें: प्रशांत महासागर में दिखे दो होल्स, वैज्ञानिकों का डर बताया विनाश का कारण ?