यूट्यूब की रेस में 4PM ने मारी बाजी, लल्लनटॉप को पछाड़ बना विजेता
सत्ताधारियों की चाटुकार बन गई मेन मेनस्ट्रीम मीडिया तो जनता ने कर लिया सोशल मीडिया की ओर रुख
देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छोड़कर लोग सोशल मीडिया का रूख कर रहे हैं, इसकी वजह है मीडिया का पत्रकारिता छोडकर चाटुकारिता में लग जाना. वर्तमान समय में ज्यादातर मेनस्ट्रीम मीडिया सत्ताधारियों की चाटुकार बनकर रह गई है, उनकी ही सुनते है और उनकी ही गाते है. ऐसे में देश का आम आदमी सच जानने के लिए सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो गया है और यू – ट्यूब की खबरों में सत्यतता खोजने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में देश के कई बड़े पत्रकार अब अपना यूट्यूब चौनल खोलकर देशवासियों को सत्य परोसने का प्रयास कर रहे हैं.
एक महीने के आंकड़ों में 4PM ने मारी बाजी
सालों साल यू ट्यूब जगत में राज करने वाले ‘आज-तक‘ और ‘इंडिया टुडे ग्रुप‘ का चैनल ‘लल्लनटॉप‘ यूट्यूब पर बाकी लोगों से कहीं आगे रहते थे, लेकिन इस बार ‘4पीएम‘ ने इतिहास रच दिया. 4पीएम पिछले तीन महीनों से राजनीतिक टिप्पणीकारों में सर्वश्रेष्ठ रहा है. इस बार भी ‘लल्लनटॉप‘ को पीछे छोड़ दिया है. यह मीडिया क्षेत्र की बहुत बड़ी खबर है, जिस पर आम लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट सोशल ब्लेड के पिछले तीस दिनों के आंकड़ों को देखते हुए, वेबसाइट को 32 करोड़ 60 लाख व्यूज मिले हैं और देखने वालों में 69.4ः की गिरावट आई है. इस दौरान उसके सबस्क्राइबरों की संख्या चार लाख से ज्यादा बढ़े है और सबस्क्राइबरों की संख्या जस की तस बनी हुई है.
Also Read: आर्थिक तंगी से परेशान टीवी पत्रकार ने जहर खाकर खत्म की जीवन लीला ….
4PM यूट्यूब की दुनिया में रच रहा इतिहास
इसके साथ ही बीते 30 दिनों में ‘4पीएम न्यूज़ नेटवर्क ने 33 करोड़ 20 लाख व्यूज हासिल किए हैं, जो लल्लनटॉप से 60 लाख अधिक है. 4PM News Network के व्यूज में 24.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं, ‘4PM न्यूज नेटवर्क‘ के सबस्क्राइबरों की संख्या में 5.5 लाख की वृद्धि हुई है. यह भी स्पष्ट है कि ‘लल्लनटॉप‘ के सबस्क्राइबर 2 करोड़ 90 लाख हैं. जबकि ‘4PM न्यूज नेटवर्क‘ केवल 45 लाख सबस्क्राइबर हैं. इतना अंतर होने के बावजूद, ‘4पीएम न्यूज नेटवर्क‘ के व्यूज का ‘लल्लनटॉप‘ से भी अधिक होना बताता है कि ‘4पीएम न्यूज नेटवर्क‘ यू-टयूब की दुनिया में निरंतर इतिहास रच रहा है.