संभल हिंसा में 4 की मौत, 30 पुलिसकर्मी घायल, इंटरनेट-स्कूल बंद, 15 लोग गिरफ्तार…

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यूपी के संभल जिले में बीते रविवार को शाही जामा मस्जिद के दूसरे चरण के सर्वे के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई है, वहीं 30 पुलिसकर्मी और अन्य कई लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. वहीं इस हिंसा के मामले में पुलिस ने करीब 15 लोगो को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. ऐसे में हालत की गंभीरता को देखते हुए इलाके में कई पाबंदिया लागू की गयी हैं, जिसमें इंटरनेट पर रोक और स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

संभल मं इन चीजों पर लगाई गयी पाबंदियां

पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी मे बताया गया है कि, हिंसा के बाद इलाके के कई घरों से हथियार बरामद किए गए हैं, वहीं गिरफ्तार किए गए सभी उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. बताया गया है कि, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है, वही पत्थरबाजी की घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. वहीं हालात को देखते हुए इलाके में कई पाबंदियों को लागू किया गया है, जिसमें स्कूल और इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. साथ ही 1 दिसंबर तक बाहरी किसी भी व्यक्ति, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही सीसीटीवी की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है.

पथराव और आंसू गैस का इस्तेमाल

संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है. 23 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने सर्वे टीम पर पथराव किया था. सर्वे टीम को पुलिस के साथ घेर लिया गया था, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन फिर भी हालात तनावपूर्ण हो गए. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. किसी भी प्रकार के और उत्पात से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है.

प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर उठाए सवाल

संभल हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि, ”संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा. सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए.”

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क्या है पूरा विवाद ?

संभल की शाही जामा मस्जिद पर यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू पक्ष ने अदालत में इस मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने का दावा किया. अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे. 19 नवंबर को रात में पहले चरण का सर्वे हुआ था और अब 24 नवंबर को पुनः सर्वे टीम मस्जिद पहुंची थी. मस्जिद कमेटी ने सर्वे की प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति दी है और दोनों पक्षों की मौजूदगी में ही यह कार्य किया जा रहा है. इस विवादित मसले को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनातनी बनी हुई है और प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है. पुलिस ने भीड़ को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन घटना ने पूरे इलाके में तनाव को बढ़ा दिया है. ऐसे में हालात को देखते हुए अन्य जिलों की फोर्स संभल के लिए रवाना हो गयी है.

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