संघर्ष के 3 साल : आज ही के दिन गलवान घाटी पर भारतीय सेना ने खोये थे 20 जवान

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15 जून, साल 2020… ये वो दिन था जब गलवान घाटी पर भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों से संघर्ष करते हुए 20 जवानों को खो दिया था। भारतीय सीमा के अंदर चीनी सेना घुस आई थी और भारतीय सेना के साथ हाथापाई शुरू कर दी थी। उस वक्त इस घटना पर हर भारतीय का खून खौल उठा था। चीनी सेना ने घिनौनी हरकत की देश में काफी निंदा हुई थी। आज गलवान घाटी संघर्ष के तीन साल पूरे हो चुके हैं। इन तीन सालों में इस संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या को लेकर आज भी चीन आनाकानी कर रहा है। खुद पीएम मोदी ने भी चीन को इस मामले में चीन को क्लीन चिट दे दी है। जिसपर अब कांग्रेस ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए सवालों की झड़ी लगा दी है।

कांग्रेस ने केंद्र पर उठाया सवाल

बता दें,  आज गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की झड़प के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बरकरार नहीं रखने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा झटका बताया है।

खरगे ने मोदी सरकार पर कसा तंज

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को एक ट्वीट में लिखा, तीन साल पहले गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान पाने वाले 20 जवानों को हम दिल से श्रद्धांजलि देते हैं। एलएसी पर यथास्थिति बनाए रखने में मोदी सरकार नाकाम रही है। हमने 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स (पीपी) से कब्जा खो दिया है। केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने कई मौकों पर संसद में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। मगर मोदी सरकार देश की जनता को अंधेरे में रखना चाहती है। गलवान पर चीन को मोदी जी की क्लीन चिट से उसने अपने नापाक मंसूबों को हासिल किया है। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता के लिए बड़ा झटका है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘मोदी सरकार की लाल आंख धुंधला गई है और उस पर चीनी चश्मा लगा हुआ है। एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में हमारा काम चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ देश को एकजुट करना और मोदी सरकार को सच का आईना दिखाना है। साथ ही कहा, मोदी सरकार की इस राष्ट्र विरोधी नीयत और नाकामी के खिलाफ हम संसद से सड़क तक आवाज बुलंद करते रहेंगे।’

पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव

गौरतलब है कि  15 जून 2020 में हुए गलवान घाटी संघर्ष में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर चीनी मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा नहीं कराने का आरोप लगाती रही है। यहां तक कि कई मौकों पर पीएम मोदी के चीन को क्लीन चिट देने पर भी नाराजगी जताती रही है। 15 जून, 2020 को हुई झड़पों के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध काफी बढ़ गया। फरवरी 2021 में चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि झड़पों में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे। इसके बाद एलएसी में सुरक्षा के दायरे बढ़ा दिए गए हैं।

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