भारत में 35 दिनों में 48 लाख शादियां: कुल खर्च मालदीव, मोंटेनेग्रो, और फिजी की GDP से भी ज्यादा
भारत में शादियों का खर्च 2024: देश में शादियों का सीजन शुरू हो गया है, और अगले 30-35 दिनों में भारत में करीब 48 लाख शादियां होने वाली हैं। यानी हर दिन लगभग 1.37 लाख शादियां होंगी। CAIT (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन शादियों में लगभग 6 लाख करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है। दिलचस्प बात यह है कि यह खर्च $7 बिलियन डॉलर के बराबर है, जो कि मालदीव, मोंटेनेग्रो और फिजी जैसे छोटे देशों की वार्षिक GDP से भी अधिक है।
शादियों में खर्च से बढ़ेगा बाजार में उत्साह
शादी का सीजन भारतीय बाजार के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता। इस दौरान शादी से संबंधित वस्त्र, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में भारी वृद्धि होती है। शादी के बाजार में इस भारी खर्च से देश के व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए एक सुनहरा अवसर खुलता है।
CAIT के अनुसार, इस बार शादी के सीजन में होने वाले बिजनेस में पहले से अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। शादियों का यह व्यस्त समय छोटे और बड़े व्यापारियों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता है, क्योंकि इसके चलते रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं और विभिन्न सेवाओं की मांग भी बढ़ती है।
शादी के मुहूर्त में वृद्धि, दिल्ली में सबसे ज्यादा शादियां
इस साल शादी के मुहूर्त भी अधिक हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार 18 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जबकि पिछले साल केवल 11 मुहूर्त ही थे। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में इस दौरान लगभग 4.5 लाख शादियां होने का अनुमान है, जिससे बाजार में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार होगा।
CAIT की वेद एवं अध्यात्म समिति के संयोजक आचार्य दुर्गेश के अनुसार, इस साल के शादी के सीजन में नवंबर में 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 को शुभ तिथियां हैं। इसके अलावा, दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, और 16 को शादियों के लिए शुभ माना गया है।
देशभर में बढ़ेगा व्यापार का दायरा
2024 में भारत में शादियों का खर्च के इस सीजन में बड़े पैमाने पर होने वाले खर्चों से व्यापार का लाभ पूरे देशभर में फैलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, 75 प्रमुख शहरों में शादी से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी।
शादियों में सामान और सेवाओं पर बराबर खर्च
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री व दिल्ली चन्दिनी चौक से लोकसभा संसद प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि शादियों में खर्च को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है – सामान और सेवाएं। सामान में मुख्य रूप से वस्त्र, आभूषण, और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं, जबकि सेवाओं में बैंकेट हॉल, इवेंट मैनेजमेंट, केटरिंग, परिवहन और सजावट आदि शामिल हैं। शादी में सामान और सेवा पर किए गए खर्च को बराबर बांटा गया है, जिससे शादी का आयोजन भव्य और शानदार बनता है।
आने वाले साल में और बढ़ेगा शादियों का सीजन
शादियों का यह सीजन दिसंबर के बाद कुछ समय के लिए रुक जाएगा और फिर 2025 के जनवरी मध्य से मार्च तक दोबारा शुरू होगा।
इस साल के शादी के सीजन में होने वाले इस भारी खर्च ने न केवल व्यापारियों में उत्साह बढ़ाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शादियों के अवसरों को भारतीय परिवार किस प्रकार से भव्यता से मनाते हैं। भारत का यह शादी का सीजन देश की अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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