बनारस: ’हिट-एंड-रन’ कानून के विरोध का दिखा असर, ड्राइवरों ने किया हाइवे जाम

मोहनसराय चौराहे तीन घंटे तक जाम से थम गये वाहनों के पहिए

0

# चांदपुर में हड़ताली चालकों ने सवारी वाहनों को रोका, मची अफरातफरी
# जगह-जगह पहुंचती रही फोर्स, हड़तालियों को खदे

भारतीय न्याय संहिता में ’हिट-एंड-रन’ को लेकर किए गए प्रावधान के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का असर मंगलवार को वाराणसी के मोहनसराय और चांदपुर ट्रांसपोर्ट एरिया में देखने को मिला. सुबह से ही चालकों ने वाहनों को आड़े-तिरछा खड़ा कर मोहनसराय चौराहा जाम कर दिया. चांदपुर ट्रांसपोर्ट एरिया में भी विरोध प्रदर्शन के साथ बसों और अन्य सवारी वाहनों से सवारियां उतारे जाने से अफरातफरी मच गई. सूचना पर जगह-जगह पहुंची फोर्स ने हड़तालियों को खदेड़ कर जाम समाप्त कराया. फिर भी कई जगहों पर सड़कों के किनारे या पार्किंग एरिया में ट्रकों, हाइवा वाहनों को खड़े कर चालक हड़ताल पर रहे.

नेशनल हाइवे स्थित मोहनसराय चौराहे पर हड़ताली चालकों व ट्रांसपोर्टरों ने मंगलवार को सुबह से ही ट्रकों को आड़े-तिरछा खड़ा कर जाम लगा दिया. इससे हाइवे पर जाम लग गया. इससे मोहनसराय से अखरी, रोहनिया, राजातालाब तक हाईवे पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं. जाम में एम्बुलेंस और स्कूली वाहन भी फंसे रहे. यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह 7 से 10 बजे तक जाम में वाहन फंसे रहे. सूचना पर एसीपी सदर संजीव शर्मा मंडुवाडीह, रोहनिया, राजातालाब थानों की फोर्स के साथ पहुंचे. अधिकारियों ने आम लोगों की परेशानियों का हवाला देते हुए जाम समाप्त करने को कहा. लेकिन हड़ताली मानने को तैयार नही हुए. इसके बाद फोर्स ने लाठियां भांजकर हड़तालियों को खदेड़ा. तब जाकर यातायात चालू हो सका. इसके अलावा मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के चांदपुर ट्रांसपोर्ट एरिया में भी हड़ताल का असर देखने को मिला. सुबह हड़ताली ड्राइवर चांदपुर चौराहे पर पहुंचे और सवारियां लेकर जानेवाले चालकों को रोकना शुरू कर दिया.

वाहनों से सवारियां उतारी जाने लगीं. इससे विवाद होने लगा. यात्री परेशान हो गये. सूचना पर पुलिस पहुंची और हड़ताली चालकों को लाठियां भांजकर खदेड़ा. हड़ताल को देखते हुए फोर्स हाईवे समेत ट्रांसपोर्ट एरिया में बराबर चक्रमण कर रही है. आला अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बाहर से आनेवाले वाहनों की संख्या काफी कम हो गई है. जानकारों का कहना है कि हड़ताल तीन दिन तक चल सकता है. ऐसे में इसका असर पेट्रोल, डीजल, भवन सामग्रियों समेत घरेलू और व्यावसायिक सामानों की आपूर्ति पर पड़ेगा. इससे स्थिति और खराब हो सकती है. भारतीय न्याय संहिता में ’हिट-एंड-रन’ को लेकर किए गए नये प्रावधान से ट्रक ड्राइवरों में जबर्दस्त नाराजगी है. वह कानून में संशोधन की मांग पर अड़े हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि सोशल मीडिया पर चालकों के एसोसिएशनों के पदाधिकारी और चालक वीडियो अपलोड कर चार दिन पहले से विरोध जता रहे थे. अब इस विरोध ने और जोर पकड़ लिया है.

नए कानून में क्या है और क्यों हो रहा विरोध

संसद से पारित भारतीय न्याय संहिता में हिंट एंड रन में लापरवाही से मौत में विशेष प्रावधान किए गए हैं. कानून के अनुसार अगर ड्राइवर के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और वह पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी दिए बिना भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माना लगेगा. यह कानून सभी प्रकार यानी दोपहिया से कार, ट्रक, टैंकर जैसे सभी वाहनों चालकों पर लागू होता है. अब तक हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी.

 

RSS के वरिष्ठ प्रचारक हृदयनाथ सिंह का निधन, दिग्गजों ने जताया शोक

जोखिम तो पहले से झेलते हैं, नया कानून मंजूर नही

उधर, ड्राइवरों का कहना है कि दस से 15 हजार के वेतन में इतना भारी जुर्माना कौन भरेगा. वह अपनी जान जोखिम में डालकर भारी वाहन चलाते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि खुद कार और बाइक चालक तेज रफ्तार में उनके ही वाहनों से टकराकर मौत के मुंह में चले जाते हैं. ऐसे में वह दोषी क्यों? अक्सर दुर्घटना होते ही लोग वाहन को घेर लेते हैं और उनकी बेतहाशा पिटाई होने लगती है. इस स्थिति में कई चालकों की जान तक जा चुकी है. ऐसे में चालक मौके से भागे न तो क्या करे? देशभर में पेट्रोल, डीजल, खाद्य पदार्थ से लगायत सारी चीजें वही पहुंचाते हैं. आमलोगों तक उनकी जरूरत की चीजें पहुंचाने में उनका ही अहम योगदान होता है. इसके बावजूद हमारे खिलाफ कड़े और अव्यवहारिक कानून क्यों? सरकार का नया कानून हमें कत्तई मंजूर नही है.

पहले अवैध वसूली पर रोक लगाए सरकार

ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उनसे पुलिस, परिवाहन विभाग और टोल टैक्स वाले जगह-जगह वसूली करते हैं. सरकार इस पर तो रोक नही लगा पा रही है. हाइवे पर जगह-जगह रोक कर कभी ओवरलोड़, कभी परमिट और लाईसेंस के नाम पर वसूली होती है. शहरी एरिया में होमगार्ड के जवान तक उन्हें रोक लेते हैं, बिना पांच सौ हजार दिये उन्हें नही छोड़ा जाता. क्या सरकार इस अवैध वसूली के बारे में नही जानती ? सरकार को पहले अपने विभागों के लोगों की अवैध वसूली पर रोक लगाना चाहिए. अवैध वसूली, पुलिस की मार और कड़ा कानून भी हम झेलें? इससे अच्छा है कि हम ड्राईवरी छोड़ कोई दूसरा धंधा अपना लें.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More