वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 182वीं जयंती,बिजली कटने से आहत लोगों ने चलवाया जनरेटर
जागृति फाउण्डेशन व महारानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थान स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 182वीं जयंती मनायी गयी। भदैनी स्थित वीरांगना लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर आयोजित जयंती समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो0 विश्वम्भर नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष दीपक मधोक, साहित्यकार डा0 जय प्रकाश मिश्र, डी0ए0वी0 पी0जी0 कालेज के डा0 अनूप मिश्र, नगर के प्रसिद्ध चित्रकार वेद प्रकाश मिश्र ने संयुक्त रूप से वीरांगना के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया।
इस अवसर पर वीरांगना को भावांजली अर्पित करते हुए महंत प्रो0 विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा की वीरांगना लक्ष्मीाबाई काशी की बेटी थी और यह हम लोगों का सौभाग्य है की उनका जन्म भदैनी मुहल्ले में हुआ, आज उनकी जयंती मनाते हुए हम गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
महंत जी ने कहा वीरांगना की जयंती पर हमलोगों का आज महिलाओं को स्वालंबी बनाने का संकल्प लेना चाहिए। साथ ही महंत जी ने कहा की जबतक जिला प्रशासन जन्मस्थ्ाली पर बिजली की व्यवस्था नहीं करता है, अस्सी व भदैनी मुहल्ले के लोग जनरेटर लगाकर जन्मस्थ्ाली को रोशन करेगें, क्योंकि महारानी हमारे मुहल्ले की बेटी थी।
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विशिष्ट अतिथि सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डा0 दीपक मधोक ने कहा की वीरांगना लक्ष्मीाबाई की जयंती उनकी स्थ्ाली पर आकर हमें बहुत ही आत्मगौरव का अनुभव हो रहा है। साथ ही दीपक मधोक ने कहा अब हर वर्ष वीरांगना की जयंती पर महारानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया जायेगा, जिसमे सनबीम शिक्षण समूह हर तरह से सहयोग करेगा।
साथ ही हम भी भदैनी के ही नागरिक अपने को मानते है इसलिए वीरांगना की जन्मस्थली को रोशन करने के लिए हम भी इससे सहयोग करगें और जबतक जिला प्रशासन बिजली नहीं देता है तबतक जनरेटर से वीरांगना की स्थली को रोशन किया जायेगा।
डा0 अनूप मिश्र ने कहा की वीरांगना ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दी थी, आज हम उनकी जयंती मना रहे है, उन्हें शत-शत नमन। वहीं पुष्पांजली अर्पित करते हुए चित्रकार वेद प्रकाश
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