बिस्मिल्लाह खां के मकान विवाद में अब कांग्रेस की इन्ट्री, मकान को संग्रहालय बनाने की मांग
वाराणसी। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 14वीं पुण्यतिथि आज पूरे देश में संगीत के प्रेमी मना रहे हैं। शुक्रवार को शहर के लल्लापुरा स्थित दरगाहे फातमान में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के साथ लोगों ने उनकी कब्र पर पुष्प अर्पित किया तो दूसरी ओर मकान के विवाद में अब कांग्रेस की एंट्री हुई है।
कांग्रेस ने मकान को संग्रहालय बनने की मांग
बिस्मिल्लाह खां के घर के विवाद पर बात करते हुए अजय राय ने कहा कि समाजादी पार्टी की सरकार में उस्ताद के मकबरे के निर्माण कार्य की घोषणा की गई थी पर काम शुरु नहीं हुआ था, जब कांग्रेसियों ने चंदा इकट्ठा कर के मकबरा बनवाने की बात कही तो सरकार द्वारा फटाफट मकबरे का कार्य शुरु कर दिया गया। ठीक उसी तरह आज बिस्मिल्लाह खां का मकान जहां है अब वर्तमान सरकार वहां ध्यान नहीं दे रही। सरकार को वहां संग्रहालय बनना चाहिये और उस मकान का जो भी मुआवजा हो उसे बिस्मल्लाह खां के परिवार वालों को दिया जाए ताकि उनकी आर्थिक तंगी भी खत्म हो सके।
मकान विवाद में अब बेटी की इन्ट्री
अब उस्ताद की बड़ी बेटी ज़रीना बेगम ने उस्ताद के कमरे को तोड़ने का विरोध किया है और कहा कि इसे सिर्फ सरकार ही बनाएगी और कोई नहीं, साथ ही उन्होंने अपने भाई पर आरोप भी लगाया कि पूर्व में सरकार के नुमाइंदे इसे बनवाने आये थे पर उन्होंने मना करके उन्हें वापस भेज दिया। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कि 14 वीं पुण्यतिथि पर उनके घर की आपसी कलह खुलकर सामने आयी है। पिछले दिनों उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के उस कमरे जिसमे वो ज़िन्दगी भर रहे और रियाज़ किया के एक बिल्डर द्वारा तोड़े जाने की सूचना पर परिवार के कई लोग विरोध में खड़े हुए तो उसे बनवाने वाले उस्ताद के पौत्र सिब्तैन की पत्नी ने लॉकडाउन में हालात बद से बदतर होने का हवाला दिया।
बिस्मिल्लाह के कमरे से छेड़छाड़ मंजूर नहीं
इसके बाद अब उस्ताद बिस्मिलाह खां की बड़ी बेटी ज़रीना बेगम सामने आयी हैं। ज़रीना बेगम ने बताया कि हम उनके कमरे में तब्दीली नहीं देख सकते। उस्ताद के पोते और उनके दोस्त इसे तोड़ रहे हैं ये हम नहीं होने देंगे। उनसे जब पूछा गया कि मकान जर्जर हो गया है इसलिए बनवाने की बात सामने आ रहे है तो वो आक्रोशित हो गयी और कहा कि कोई मकान जर्जर नहीं हुआ है। मकान में जो टूट फुट होती है उसे सही करवाना चाहिए उससे किसी को कोई मतलब नहीं है। ज़रीना बेगम ने कहा कि हमारी मांग है कि इसे सिर्फ सरकार बनाये। ज़रीना बेगम ने एक बड़ा खुलासा भी किया और बताया कि जिस साल अब्बा हुज़ूर का इन्तेकाल हुआ था उसके बाद सरकार के नुमाइंदे इसे बनवाने के लिए आये थे तो मेरे छोटे भाई काज़िम हुसैन ने मना कर दिया, जबकि हमें कुछ बताया भी नहीं गया।
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