सर्व सेवा संघ विवाद : 100 दिन के सत्याग्रह के बाद बनारस में आयोजित हुई प्रभात फेरी
गांधी विचार को पुनर्जीवित करने का अभियान
वाराणसीः वाराणसी में सर्व सेवा संघ के ध्वस्तीकरण के बाद देश भर के गांधीवादी विचारधारा के लोगों ने एक 100 दिन के सत्याग्रह का आयोजन किया था। इसकी शुरुआत इस साल 11 सितंबर यानी की “विनोबा भावे” के जन्मदिवस पर हुई थी। सत्याग्रह का समापन 19 दिसंबर को प्रभात फेरी के साथ हुआ। फेरी की शुरुआत शहर के राजघाट से हुई थी जहां पर सर्व सेवा संघ की इमारत विराजमान हुआ करती थी और इसका समापन नदेसर स्थित शास्त्री घाट पर किया गया, जहां पर एक जनसभा को भी सम्बोधित किया गया।
सत्याग्रह के समापन और प्रभात फेरी में महात्मा गांधी के प्रपौत्र और प्रसिद्ध लेखक तुषार गांधी भी मौजूद रहे और सर्व सेवा संघ मामले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना जनसभा के ज़रिये की. उन्होंने कहा कि “सत्ता में बैठे लोग कायर हैं, जो गांधी से डरते हैं. ये गांधी विचारधारा के परिसरों को मिटाने की साजिश में लगे हुए हैं. अगर उनकी कोशिश कामयाब होती है तो यह देश पराया हो जाएगा. इसलिए यह एक प्रकार की विचारधारा का युद्ध है. जैसे महात्मा गांधी ने 1942 में “करेंगे या मरेंगे” का नारा दिया था, उसी तरह का संकल्प आज फिर से लेना होगा.
तुषार गांधी, वरुणा पुल स्थित शास्त्री घाट पर आयोजित प्रभात फेरी के पहुंचने पर सभा को संबोधित कर रहे थे. इसके पूर्व सर्व सेवा संघ परिसर, राजघाट से आज सुबह गांधी विचारधारा को पुनर्जीवित करने और राष्ट्र की बुनियाद पर हो रहे हमलों के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए 100 दिनों के सत्याग्रह के अंतिम दिन एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया था.
सुबह 6 बजे शुरू हुई प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में गांधीवादी विचारधारा के लोग शामिल हुए. क़रीब 6 किलोमीटर की दूरी तय कर यह फेरी सुबह 8:30 बजे शास्त्री घाट पहुंची. इस दौरान “महात्मा गांधी अमर रहें” के नारों और सर्वधर्म प्रार्थना के साथ गांधी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया.
धर्म के आधार पर बांट रहे हैं समाज को
सभा में गांधी ने कहा, “अगर यहां कोई अवैध मंदिर होता तो क्या मोदी उसे बुलडोजर से उसे गिराते ? परिसर को गिराने वाले इस देश की बुनियाद को गिरा रहे हैं. वे धर्म के आधार पर समाज को बांट रहे हैं. इस परिसर को जिन्होंने मलबे में बदल दिया है, उसी के कंकड़- पत्थर इनके विचारों के कब्र बनाने के काम आएंगे. इसी हौसले के साथ यह सत्याग्रह आगे भी जारी रहेगा.”
सत्याग्रह की शुरुआत में गांधीवादी कृष्ण मोहंती के साथ जर्नलिस्ट कैफ़े की ख़ास बातचीत
गांधी विचार को पुनर्जीवित करने का अभियान
दूसरी ओर सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने इस अवसर पर बताया, “राजघाट परिसर शांति और प्रेरणा का स्थान है, जहां गांधी विचारधारा को फैलाने और समाज में शांति बहाल करने का कार्य होता रहा है”, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया की ये वही सर्व सेवा संघ है जिसने ने चंबल के बाग़ियों को सही रास्ता दिखाया , और अब सत्याग्रह के जरिए सत्ता के अहंकारियों को लाइन पर लाएगा ।
इनकी रही विशेष उपस्थिति
प्रभात फेरी में तुषार गांधी, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे, समाजवादी नेता डॉ. सुनीलम और रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा समेत देशभर के गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए.
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