वॉट्सऐप कॉल और संदेशों की टैपिंग से संबंधित सवाल के जवाब में सरकार ने उन नामों का खुलासा किया है जो जरूरत पड़ने पर किसी का भी फोन टैप कर सकती है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को यह जानकारी दी।
सरकार ने बताया कि सीबीआई, ईडी और आईबी समेत 10 केंद्रीय एजेंसियों को टेलीफोन बातचीत टैप करने का अधिकार है।
उन्हें फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेनी होती है।
केंद्र सरकार में दस एजेंसियां इस लिहाज से सक्षम प्राधिकार हैं।
ये हैं एजेंसीज-
इनमें खुफिया ब्यूरो (आईबी), केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और रॉ शामिल है।
साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), सिगनल खुफिया निदेशालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार को देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में किसी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से उत्पन्न, प्रेषित, प्राप्त या संग्रहित सूचना को बीच में रोकने, उस पर निगरानी रखने या उसके कोड को पढ़ने के लिहाज से बदलने का अधिकार प्रदान करती है।
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