मन की बात में PM Modi – हुनर हाट ने बदली कई लोगों की जिंदगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से एक बार फिर भारत और विदेश में लोगों के साथ अपने विचार साझा किए।

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प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में ‘हुनर हाट’ के अपने अनुभवों को किया साझा। देश की विविधता के प्रदर्शन को मंच देने और लोगों के सपनों को उड़ान देने के लिए की आयोजन की सराहना। प्रधानमंत्री ने लोगों से सांस्कृतिक विविधता से रूबरू होने के लिए की देशभ्रमण की अपील।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से एक बार फिर भारत और विदेश में लोगों के साथ अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने हुनर ​​हाट से लेकर कॉप 13 तक विभिन्न राज्यों के सभी आयु वर्ग के लोगों की प्रेरित करने वाली कहानियों पर बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात की शुरुआत ‘हुनर हाट’ के साथ की, जिसका हाल ही में उन्होंने दिल्ली में दौरा किया था। उन्होंने अपने श्रोताओं के साथ साझा करते हुए कहा कि हमारे देश की विविधताओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

पीएम मोदी ने इस आयोजन में भाग लेने वाले देशभर के कई कारीगरों के साथ बातचीत की। उन्होंने एक दिव्यांग महिला की कहानी साझा की जिनसे वह वहां मिले थे।

हुनर हाट ने बदला दिव्यांग महिला का जीवन-

प्रधानमंत्री ने कहा कि हुनर हाट में एक दिव्यांग महिला की बातें सुनकर बड़ा संतोष हुआ। उन्होंने मुझे बताया कि पहले वो फुटपाथ पर अपनी पेंटिंग बेचती थी। लेकिन हुनर हाट से जुड़ने के बाद उनका जीवन बदल गया। आज वो ना केवल आत्मनिर्भर है बल्कि उन्होंने खुद का एक घर भी खरीद लिया है।

[bs-quote quote=”हुनर हाट में मुझे कई और शिल्पकारों से मिलने और उनसे बातचीत करने का अवसर भी मिला। मुझे बताया गया है कि हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और पिछले तीन वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से, लगभग तीन लाख कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार के अनेक अवसर मिले हैं।” style=”default” align=”center” author_name=”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”][/bs-quote]

 

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कला और शिल्प के अलावा हर कोई भारतीय व्यजंनों की विविधता से अभिभूत होता है। उन्होंने लोगों से भारत की यात्रा करने का आग्रह भी किया।

इस वर्ष के हुनर ​​हाट का विषय ‘कौशल को काम’ रखा गया है। पिछले तीन वर्षों में हुनर ​​हाट के माध्यम से लगभग 3 लाख कारीगरों, शिल्पकारों और व्यजंन विशेषज्ञों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इन लाभार्थियों में बड़ी संख्या में महिला कारीगर शामिल है।

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