पीएम मोदी से मंत्रियों का मिलना अब आसान नहीं

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पिछले दिनों पीएम मोदी की हत्या की कथित साजिशों के उजागर होने के दावों के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। गृह मंत्रालय का कहना है कि स्पेशल प्रॉटेक्शन ग्रुप (SPG) से क्लियरंस मिले बिना किसी मंत्री और अधिकारी को भी पीएम मोदी के नजदीक आने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी पर अबतक का सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है और 2019 के आम चुनाव से पहले वह सबसे अधिक निशाने पर हैं।

मंत्री अफसर बिना अनुमति के पास नहीं जा पाएंगे

मंत्रालय ने अपने परिपत्र में ‘मोदी को अज्ञात खतरे’ का हवाला देते हुए कहा है कि किसी को भी यहां तक कि मंत्रियों और अधिकारियों को भी उनकी विशेष सुरक्षा घेरे की इजाजत के बगैर उनके करीब पहुंचने की अनुमति नहीं होगी। समझा जाता है कि एसपीजी ने सत्तारूढ़ बीजेपी के मुख्य प्रचारकर्ता पीएम मोदी को 2019 के आम चुनाव के सिलसिले में रोड शो कम करने और उसके बजाय जनसभाएं करने की सलाह दी है क्योंकि रोड शो के दौरान खतरे का डर अधिक होता है एवं जनसभाओं का प्रबंधन आसान होता है।

सीपीटी को दी गई जानकारी

पीएम की सुरक्षा से जुड़ी क्लोज प्रॉटेक्शन टीम (सीपीटी) को इन नए नियमों से अवगत करा दिया गया है। उन्हें खतरे को लेकर अलर्ट किया गया है और ताकीद की गई है कि अगर जरूरत हो तो मंत्रियों और अधिकारियों की भी तलाशी ली जाए। आपको बता दें कि पुणे पुलिस द्वारा 7 जून को अदालत में कहा गया था कि प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) से कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में एक के दिल्ली निवास से एक पत्र मिला और उस पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह ही नरेंद्र मोदी की हत्या करने की कथित योजना का जिक्र था। इसके बाद पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था की हाल में बड़ी बारीक समीक्षा की गई।

गृह मंत्रालय ने पीएम की सुरक्षा को लेकर की बैठक

इसके अलावा, हाल ही में पीएम मोदी की पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान एक व्यक्ति उनके पैर छूने के लिए सुरक्षा के सात घेरे को तोड़ते हुए उनतक पहुंच गया। इन घटनाओं के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की जान पर खतरे के बारे में सूचनाएं मिलने के आलोक में उनकी सुरक्षा की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख राजीव के साथ बैठक की। उस बैठक में गृहमंत्री ने निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा इंतजाम में उपयुक्त मजबूती लाने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

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अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे माओवाद प्रभावित राज्यों को गृहमंत्रालय ने संवेदनशील घोषित किया है और इन राज्यों के पुलिस प्रमुखों को उनके राज्यों में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान अतिरिक्त चौकसी बरतने को कहा गया है। माना जाता है कि सुरक्षा एजेंसियां केरल के पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर विशेष नजर रख रही है। समझा जाता है कि यह संगठन चरमपंथी संगठनों का शीर्ष संगठन है।

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