पीएम मोदी का ‘मन की बात’ में खेलों पर जोर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के जरिए अपने विचार साझा किए। देशवासियों के साथ 18th बार मन की बात में पीएम ने देश वासियों को ईस्टर की शुभकामनाएं दी। खेल क्रांति का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि भारत में क्रिकेट की तरह अब फुटबॉल, हॉकी, टेनिस और कबड्डी का एक मूड बनता जा रहा है।

मोदी ने कहा कि इन दिनों भारत में युवाओं की फुटबॉल में रूचि बढ़ती जा रही है। ईपीएल हो, स्पैनिश लीग हो या इंडियन सुपर लीग के मैच हो । भारत का युवा उसके विषय में जानकारी पाने के लिए, टीवी पर देखने के लिए समय निकाल लेते है।

पीएम मोदी ने देश में फुटबाल के आधारभूत ढांचे का विकास करने और इस खेल को गांव़़-गांव, गली-गली तक पहुंचाने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए रविवार को बताया कि भारत फीफा अंडर 17 विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता की अगले वर्ष मेजबानी करेगा।

आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि पिछले कुछ दशकों में भारत फीफा फुटबॉल रैंकिंग में काफी निचले पायदान पर चला गया है जबकि 1951, 1962 एशियाई खेलों में भारत ने स्वर्ण पदक जीता था और 1956 ओलंपिक खेल में भारत चौथे स्थान पर रहा था।

मोदी ने कहा,  अंडर 17 विश्वकप एक ऐसा अवसर है जो इस एक साल के भीतर-भीतर चारों तरफ नौजवानों के अन्दर फुटबाल के लिए एक नया जोश, नया उत्साह भर देगा। इस मेजबानी का एक फायदा तो यह है ही कि हमारे यहां फुटबाल का आधारभूत ढांचा तैयार होगा। खेल के लिए जो आवश्यक सुविधाएं हैं उस पर ध्यान जाएगा। मुझे तो इसका आनंद तब मिलेगा जब हम हर नौजवान को फुटबॉल के साथ जोडे़गें।

प्रधानमंत्री ने कहा, जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या नौजवान हों और खेलों की दुनिया में हम खो गए हों, वहां ऐसी स्थिति ठीक नहीं है। समय है, खेलों में एक नई क्रांति के दौर का। और हम देख रहे हैं कि भारत में क्रिकेट की तरह अब फुटबॉल, हॉकी, टेनिस, कबडडी में मूड बनता जा रहा है। अगले वर्ष 2017 में भारत फीफा अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी करने जा रहा है। विश्व की 24 टीमें भारत में खेलने के लिए आ रही हैं।

 

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