जर्मन बेकरी धमाका: दोषी हिमायत की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील
पुणे। बम्बई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पुणे के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में हिमायत बेग की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दी है। वर्ष 2010 में 13 फरवरी को हुए इस विस्फोट में विदेशियों सहित 17 लोगों की मौत हो गई थी। पुणे की सत्र अदालत ने वर्ष 2013 में 18 अप्रैल को इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी बेग को मौत की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ बेग ने बम्बई उच्च न्यायालय में अपील की थी।
बेग के वकील ने बचाव में कई दलीलें पेश की जिसमें मुख्य रूप से बेग का सीधा इस हमले में शामिल ना होना। पुलिस यह साबित नहीं कर पायी कि बेग घटना के वक्त पुणे में था। बचाव पक्ष ने इस मामले में बंद एक और आरोपी का जिक्र किया जिसकी जेल में हत्या कर दी गयी थी।
पुणे के जर्मन बेकरी में 13 फ़रवरी 2010 को हुए ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हुई थी। इस ब्लास्ट में 58 लोग घायल भी हुए थे। हिमायत बेग को सितंबर 2010 में गिरफ्तार किया गया था। मामले में सिर्फ एक आरोपी हिमायत बेग ही गिरफ्तार हुआ था। बेग को इंडियन मुजाहिद्दीन का सदस्य बताया गया था।