जब भगवान देव दीपावली मनाने स्वर्ग से काशी के घाटों पर उतरेंगे…
दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद की दिखेगी झलक
बनारस के अर्धचंद्राकार घाटों पर जब दीपों की माला पहने हुए मां गंगा का श्रृंगार होता है तो अद्भुत छठा होती है। ऐसा लगता है कि आसमां से तारे जमीन पर उतर आए हैं। इस अलौकिक दृश्य को देखने बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी मेहमान यहां आते हैं। ये नजारा 27 नवंबर (सोमवार) को दिखेगा, जब खुद भगवान देव दीपावली मनाने स्वर्ग से काशी के घाटों पर उतरेंगे। योगी सरकार देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन करेगी। इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर के बने होंगे। साफ़ सफाई करके तिरंगा स्पायरल लाइटिंग से शहर व घाट सजाए गए हैं।
देव दीपावली पर स्वर्ग से आते है देवता
ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से काशी के पावन गंगा घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं और महाआरती में शामिल श्रद्धालुओं के मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ये पर्व काशी की प्राचीन संस्कृति का खास अंग है।
देव दीपावली का वर्णन शिव पुराण में मिलता है कि जब कार्तिक मास में त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया और उनको मारने लगा तब भगवान विष्णु ने इस क्रूर राक्षस का वध इसी दिन किया था और देवताओं ने दीपावली मनाई थी.
काशी नरेश ने शुरू की थी प्रथा
ऐसी भी मान्यता है कि काशी नरेश ने अपने शहीद सैनिकों के लिए घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन की प्रथा शुरू की थी. घाटों पर गंगा की महाआरती में लोग मानों आस्था के समुंद्र में गोते लगाते हैं. पंच गंगा घाट से शुरू हुई देव दीपावली का दीप आज काशी के सभी घाटों पर जगमगाने लगी है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे मेहमानों का स्वागत
दशाश्वमेध घाट की महाआरती में राम भक्ति और राष्ट्रवाद की दिखेगी.70 देशों के राजदूत व150 विदेशी डेलिगेट्स भी इस नजारे को देखने मौजूद रहेंगे.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेहमानों का स्वागत दशाश्वमेध घाट की महाआरती पर करेंगे. उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर 85 घाटों की श्रृंखला पर इस साल योगी सरकार की ओर से 12 लाख और जन सहभागिता से मिलकर कुल लगभग 21 लाख से अधिक दीप काशीवासी घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर जलाए जाएंगे।