कोलकाता हादसा: क्या ममता की जल्दबाजी ने ली 24 की जान?
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में एक निर्माणाधीन पुल (फ्लाईओवर) का एक हिस्सा गुरुवार को भरभरा कर गिर गया, जिसके नीचे बड़ी संख्या में लोग और वाहन दब गए। इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए।
इस हादसे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार का नतीजा, तो बिल्डर ने भगवान की मर्जी करार दिया है। ऐसे में जल्दबाजी के चलते लापरवाही भी बड़ी वजह हो सकती है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल नवंबर में घोषणा किया था कि वे फरवरी 2016 में फ्लाईओवर का उद्घाटन करेंगी। जबकि उस वक्त ब्रिज का 24 प्रतिशत काम बाकी था। बड़ा सवाल है कि क्या विधानसभा चुनाव से पहले ब्रिज को शुरू कर ममता सरकार वोटिंग में फायदा लेना चाहती थी?
दोपहर 12.30 बजे हुए इस हादसे में सेना की दर्जनों मेडिकल टीमें और इंजीनियर बचाव अभियान में लगाए गए हैं। पुलिस और सैन्य एंबुलेंसों ने घटनास्थल पर तत्काल पहुंचकर गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। सेना के करीब 500 कर्मी इस अभियान में लगाए गए हैं, उनके पास अत्याधुनिक गैस कटर और क्रेन हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी के मुताबिक, घायलों की संख्या लगभग 100 है। सैकड़ों स्थानीय नागरिक मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए पुलिस और बचाव कर्मचारियों के पहुंचने से पहले ही शहर के सबसे उत्तरी इलाके में स्थित पोस्ता इलाके में घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत कार्य में जुट गए।
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि जवान टनों स्टील और कंक्रीट के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए विशेष उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहत कार्य में समन्वय के लिए उन्होंने एनडीआरफ निदेशक जनरल ओ.पी. सिंह से बात की है। दुर्घटनास्थल बेहद भयावह लग रहा था। मलबे में मानव शरीर के अंग बिखरे हुए थे और सड़कों पर खून बिखरा हुआ था।
एक वीडियो में दिखाई दिया कि किस प्रकार विवेकानंद फ्लाईओवर बेहद तेज आवाज के साथ अचानक भरभरा कर गिर पड़ा और उसके नीचे मौजूद लोगों में से किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अचानक एक तेज धमाकेदार आवाज हुई और उसके साथ ही विवेकानंद फ्लाईओवर भरभरा कर गिर गया। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, फ्लाईओवर के मलबे के नीचे 100 से भी ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं। काफी लोग हताहत हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है। उनके निर्देश पर आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसके मालिक ने हादसे को ‘ईश्वरीय कृत्य’ करार दिया है।