बेटा है स्वास्थ्य मंत्री, लालू के घर खड़ी हो गई एंबुंलेस

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पटना। बिहार में मरीजों के लिये भले ही एंबुलेंस की किल्लत हो लेकिन सूबे में माननीयों की सेहत का ख्याल रखने में सरकारी एंबुलेंस की कोई कमी नहीं दिख रही। राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के आवास पर लगने वाले सरकारी एंबुलेंस के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपने आवास पर सरकारी एंबुलेंस को लगवाना शुरु कर दिया है, यानि लालू अपने मंत्री बेटे के शान में कोई कमी नहीं देखना चाहते है।

स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव अभी 10 सर्कुलर रोड स्थित अपनी मां राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर ही रहते हैं जहां उनके साथ उनके भाई उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद भी रहते हैं। तेजप्रताप के आवास पर पांच अप्रैल से 108 नंबर वाले सरकारी एंबुलेंस को लगाया जा रहा है लेकिन पिछले चार दिनों से इसकी सेवा एक बार भी नहीं ली गई है।

स्वास्थ्य मंत्री के आवास पर सरकारी एंबुलेंस की तैनाती को बाकायदा पटना के सीएस ने ही एक निर्देश जारी किया है। बिहार में एंबुलेंस की संख्या काफी कम है ये खुद सरकार के स्वास्थय मंत्री तेजप्रताप भी सदन में मान चुके हैं। जहां तक 108 नंबर एंबुलेंस की बात की जाए तो गरीब मरीजों की सुविधा के लिए इसे चलाया जाता है। अब विपक्ष इसे बेजा इस्तेमाल मानते हुए लालू राज्य की वापसी की बात कह रहा है।

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पटना में केवल 10 एंबुलेंस चलते हैं जिसमें से अब दो एंबुलेंस सरकार की सेवा में लगे हैं। एक एंबुलेंस को सीएम नीतीश कुमार के आवास पर, जबकि दूसरे को स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यानि राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर तैनात किया गया है। पटना सिविल सर्जन की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में एंबुलेंस को तेजप्रताप के आवास पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक लगाने का फरमान जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री की माने तो एंबुलेंस उन्होंने खुद के परिवार के शान को बढ़ाने के लिए नही बल्कि जनता के लिए लगवाया है।

bihar ambulance

पिछले दिनों ही सदन में कार्यवाही के दौरान विपक्ष को जवाब देते हुए तेजप्रताप ने राज्य में एंबुलेंस की कमी की बात को मानते हुए 250 नये एंबुलेंस खरीदने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही थी लेकिन इस आदेश से उलट अपने सरकारी आवास पर ही उन्होने एंबुलेंस की बेवजह तैनाती करवा दी बहरहाल सीएम के आवास की तर्ज पर स्वास्थय मंत्री के आवास पर सरकारी एंबुलेंस की तैनाती ने बिहार में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिये हैं।

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