कोलकाता हादसा : 18 की मौत, सेना बचाव कार्य में जुटी

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में एक निर्माणाधीन पुल (फ्लाईओवर) का एक हिस्सा गुरुवार को भरभरा कर गिर गया, जिसके नीचे बड़ी संख्या में लोग और वाहन दब गए। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए। बचाव में मदद के लिए सेना बुला ली गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिमी मिदनापुर जिले की चुनावी रैलियां रद्द करके तत्काल कोलकाता पहुंची। उन्होंने कहा कि इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और 70 लोगों को बचाया गया है, लेकिन 17 हालत गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दोपहर 12.30 बजे हुए इस हादसे में सेना की दर्जनों मेडिकल टीमें और इंजीनियर बचाव अभियान में लगाए गए हैं। पुलिस और सैन्य एंबुलेंसों ने घटनास्थल पर तत्काल पहुंचकर गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। सेना के करीब 500 कर्मी इस अभियान में लगाए गए हैं, उनके पास अत्याधुनिक गैस कटर और क्रेन हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी के मुताबिक, घायलों की संख्या लगभग 100 है।

सैकड़ों स्थानीय नागरिक मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए पुलिस और बचाव कर्मचारियों के पहुंचने से पहले ही शहर के सबसे उत्तरी इलाके में स्थित पोस्ता इलाके में घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत कार्य में जुट गए।

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि जवान टनों स्टील और कंक्रीट के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए विशेष उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहत कार्य में समन्वय के लिए उन्होंने एनडीआरफ निदेशक जनरल ओ.पी. सिंह से बात की है।

दुर्घटनास्थल बेहद भयावह लग रहा था। मलबे में मानव शरीर के अंग बिखरे हुए थे और सड़कों पर खून बिखरा हुआ था।

एक वीडियो में दिखाई दिया कि किस प्रकार विवेकानंद फ्लाईओवर बेहद तेज आवाज के साथ अचानक भरभरा कर गिर पड़ा और उसके नीचे मौजूद लोगों में से किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “अचानक एक तेज धमाकेदार आवाज हुई और उसके साथ ही विवेकानंद फ्लाईओवर भरभरा कर गिर गया।”

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, “फ्लाईओवर के मलबे के नीचे 100 से भी ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं। काफी लोग हताहत हुए हैं।”

पूरी सड़क पर फ्लाईओवर का मलबा गिरा होने के कारण बचाव अभियानों में भी काफी बाधा पहुंच रही है। क्रेनें भी घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही थीं। बाद में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर जवानों को घटनास्थल तक पहुंचने में मदद की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है। उनके निर्देश पर आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसके मालिक ने हादसे को ‘ईश्वरीय कृत्य’ करार दिया है।

ढाई किलोमीटर लंबा यह फ्लाईओवर ‘जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन’ के तहत लंबे समय से बन रहा है। उम्मीद थी कि इसके निर्माण से बड़ाबाजार इलाके का जाम दूर हो जाएगा।

इसका निर्माण 2012 में पूरा किया जाना था, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी होती गई।

राज्य सरकार ने एक अपातकालीन केंद्र खोला है, जिसका संचालन राज्य सचिवालय में किया जा रहा है। अपातकालीन केंद्र से 1070 पर संपर्क किया जा सकता है। एक अन्य कंट्रोल रूम भी खोला गया है, जिसका नंबर 0332145326 है।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि दुर्घटना पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार का स्पष्ट सबूत है। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “ममता सरकार के भ्रष्टाचार का यह एक सबूत है। राज्य की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने प्रदेश के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम एवं शहर के महापौर की गिरफ्तारी की मांग की है।

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