स्वदेशी विमान डॉर्नियर के कमर्शियल इस्तेमाल को मिली हरी झंडी
आप जल्द भारत के अंदर स्वदेश में निर्मित विमान से हवाई सफर कर सकेंगे। दरअसल, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए डॉर्नियर 228 विमान के कमर्शल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। 19 सीटों वाले इस विमान का इस्तेमाल अब तक सिर्फ रक्षा क्षेत्रों में ही किया जा रहा था।
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यह भारत का पहला स्वदेशी विमान होगा जिसका कमर्शल इस्तेमाल होगा।DGCA ने इसे टाइप सर्टिफिकेशन दिया है और इसके साथ ही HAL के डॉर्नियर 228 को एयरवर्दिनेस सर्टिफिकेट भी दिया है। अब HAL भारत में एयरलाइन्स को अपने विमान बेच सकता है और इसका इस्तेमाल मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी ‘उड़ान’ योजना के तहत किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया, ‘संचालकों को प्लेन के इस्तेमाल के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा सकता है।’
एचएएल नेपाल और श्रीलंका को बेच सकता है डॉर्नियर
अधिकारी ने बताया कि HAL नागरिक उड्डयन के इस्तेमाल के लिए नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी विमान बेच सकता है। HAL अपने 19 सीटों वाले डॉर्नियर 228 की व्याख्या अत्यधिक विविधता वाले मल्टीपर्पज लाइट ट्रांसपॉर्ट विमान के रूप में करता है। यह विमान 428 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है और इसका रेंज 700 किलोमीटर है। यह रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है। HAL इसी महीने कानपुर एयरपोर्ट पर विमान का सफल उड़ान आयोजित कराने में सफल रहा है। इसके बाद ही डीजीसीए ने कमर्शल इस्तेमाल के लिए इसे मंजूरी दी है।
(साभार-एनबीटी)