ऑफिस के बाद नहीं मिलेगा और काम: इस देश का नया कानून
आप घर पर हों और बॉस का फोन आ जाय तो उसे रीसिव करना मजबूरी है. खुदा न खास्ता अगर आपने ऐसा नहीं किया तो बॉस का गुस्सा झेलने के लिए तैयार हो जाइये. हो सकता है कि बॉस आपका इंक्रीमेंट रोक दे या फिर नौकरी का ही संकट पैदा हो जाय. पर रुकिये जनाब आपके देश में भले ही ऐसा हो जाय पर आस्ट्रेलिया के बॉस ऐसा नहीं कर पायेंगे. वहां की सरकार ने कामगारों को वर्किंग ऑवर के बाद ऑफिस से आने वाले किसी भी कॉल या मेल को रीसिव करने की बाध्यता से मुक्त करते हुए “Right To Disconnect” कानून बना दिया है. यानि की अगर किसी बॉस ने अपने किसी इंप्लायी को फोन का जवाब देने के लिए बाध्य किया तो यह अपराध होगा.
घर से काम करने की मिली थी रियायत
साल 2022 में दुनिया कोरोना महामारी से उबरने की कोशिश कर रही थी. ये कहें कि इसकी शुरुआत भी हो चुकी थी. इस दौरान बीच ऑफिसेज के वर्किंग कल्चर में एक बड़ा कांतिकारी परिवर्तन हुआ जिसे हम “ वर्क फ्रॉम होम” कहते हैं. इसमें लोगो को अपने घर से ऑफिस का काम करने की सुविधा दी गयी थी. पर इस वर्क फ्रॉम होम के कई फ़ायदे और नुक़सान भी देखने को मिले. कई लोगों को ये शिकायत थी के उन्हें उनके निर्धारित समय से अधिक काम करना पड़ता है.
ऑफिस के बाद बॉस नहीं देंगे और काम
इसी साल ऑस्ट्रेलिया इंस्टिट्यूट के सेंटर ऑफ़ रिसर्च जो की एक पब्लिक पालिसी थिंक टैंक है उसने एक रिपोर्ट जारी की Call Me Maybe (Not) : जिसमें बताया गया कि ऑस्ट्रेलिया के 71% कर्मचारियों को अपने ऑफिस के निर्धारित समय के बाद भी काम करना पड़ता है. 44% कर्मचारी ओवरटाइम अपने मैनेजर या मलिक को खुश रखने के लिए करते हैं और 38% ऐसे हैं जिन्हें अपनी कार्यक्षमता को सिद्ध करने के लिए ओवरटाइम करना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियन एजेंसी की रिपोर्ट में कामगारों के शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी चर्चा है. जिसमें ओवरटाइम करने से 35% लोगो ने ओवरटाइम के बाद शारीरिक थकान महसूस की, 31% ने मानसिक थकान और 32% कर्मचारियों ने ओवरटाइम से तनाव और घबराहट की शिकायत की.
इस रिपोर्ट की ख़ास बात ये थी सर्वे में हिस्सा लिए 80% लोगो ने “Right To Disconnect” के लिए जैसे प्रावधान के लिए हामी भरी.
Right To Disconnect: ऑस्ट्रेलिया का नया कानून
“Right To Disconnect” की बढ़ती माँग को देखते हुए 26 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इस कानून को लागू किया है। “Right To Disconnect” के तहत कर्मचारियों वर्किंग हॉर्स के बाद ऑफिस के संबंधित किसी तरीक़े की कॉल उठाने या मेल पर रिप्लाई करने की कोई ज़रूरत नहीं है और इससे उनके मैनेजर या मलिक उनके ख़िलाफ़ कोई एक्शन नहीं ले सकते हैं।
इस क़ानून के पारित होने के बाद, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी एल्बेनीज़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बताया कि
“ Right to Disconnect” अब एक क़ानून है, क्योंकि यदि आपको दिन के 24 घंटे काम करने के सैलरी नहीं मिलती है, इसलिए आपको 24 घंटे फ़ोन या मेल पर रहने की ज़रूरत नहीं है”.
ऑस्ट्रेलिया के इस कानून के बारे में साइकोलॉजिस्ट डॉ अजरा राज़ी शाजी ने कहाँ…
ऑस्ट्रेलिया में जो अभी क़ानून बना है की 9-5 जो आपके काम का समय है, उसके बाद आपके एम्प्लायर या बॉस आपको कॉल या मेसेज करके तो उनको इस क़ानून के हिसाब से काम करने की सहमति नहीं है। मुझे लगता है कि ये एक अच्छा क़ानून बना है क्योकि अपने ऑफिस काम के बाद वहाँ से वो माइंड स्विच ऑफ करेगा तभी दूसरी तरफ़ 100% दे पायेगा, हम मल्टीटास्कर हैं, पर बहुत सारे जटिल कार्य जो होते हैं जैसे आपका घर, बच्चे वहाँ हमे पूरा 100% देना होता है, हम मशीन नहीं इंसान हैं, यहाँ संवेदनाइये हैं और रिश्ते हैं जो भावनात्मक स्तर पर जुड़े होते हैं। तो उन रिश्तों को समय देने के ज़रूरी है कि अपने दिमाग़ में कोई काम ना हो ताकि हम अपना 100% उस रिश्ते को दे सके। दूसरा सबसे बड़ा फ़्यादा आप बिना किसी टेम्शन के रेस्ट कर सकते हैं। मुझे ये लगता है कि भारत में भी इस तरह का क़ानून होना चाहिए। वैसे तो भारत में हम “कर्म ही पूजा” मानते हैं पर हमे अपने शरीर को बही समय देना चाहिए और उसके बारे में सूचना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया पहला देश नहीं है जहां पर इस तरीक़े का क़ानून लागू हुआ है, इसमें यूरोप काफ़ी आगे है. फ़्रांस में औपचारिक रूप से 35 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की ही इजाजत है. इसके बाद वे ऑफिस के फ़ोन कॉल को इग्नोर कर सकते हैं। 2022 में बेल्जियम में भी इस क़ानून को पारित किया गया था, ये क़ानून पहले बस सरकारी कर्मचारियों के लिए था फिर इसे सबपर लागू किया गया, इसी प्रकार इटली, आयरलैंड, स्पे न व पुर्तगाल में भी “Right To Disconnect” जैसे क़ानून हैं.