योगी सरकार पहनाएगी मास्क, पर खर्च करने होंगे इतने पैसे
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ बहुत आवश्यक है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाने के आदेश दिएहैं, तो लोगों को निशुल्क मास्क भी दिए जा रहे हैं। सरकार की यह कार्यवाही लोगों को मास्क के प्रति जागरूकता लाने के लिए की जा रही है, ताकि कोरोना के संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री की पहल से मिलेंगे मास्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर एक निजी संस्था के सहयोग से आम लोगों को लखनऊ में पांच लाख मास्क बांटे जाएंगे। हालांकि इसके लिए लोगों को प्रति मास्क मात्र पांच रुपए देने होंगे। इसके अलावा योगी सरकार की ओर से प्रदेश की 71 जेलों में 12 लाख से ज्यादा मास्क बंदियों को निशुल्क दिए गए हैं। जेलों में बंदियों ने पिछले साल 23 मार्च से अब तक 27 लाख से अधिक मास्क बनाए, जिसमें 15 लाख मास्क सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं को दिए गए हैं। पुलिस की ओर से प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में 50 हजार से अधिक मास्क निशुल्क दिए गए हैं। इसी तर्ज पर निजी संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश के अन्य जिलों में भी लोगों को निशुल्क मास्क दिए जा रहे हैं।
खादी विभाग ने निभाई अहम् भूमिका
लखनऊ प्रशासन की पहल पर रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीएसआर फंड से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से पांच लाख मास्क तैयार कराए जा रहे हैं। खादी के कपड़ों से डबल लेयर और थ्री प्लाई के मास्क बनाए जा रहे हैं। एक मास्क की कीमत करीब 13.60 पैसे हैं, जिसमें पांच रुपए समूह की महिलाओं को पारिश्रमिक के रूप में, शेष 8.60 पैसा कपड़ा और अन्य सामग्रियों में खर्च हो रहा है। मास्क खादी विभाग की संस्था हरित खादी के माध्यम से दिए जा रहे हैं। अभी तक करीब दो लाख मास्क तैयार किए जा चुके हैं और 90 हजार मास्क वितरित भी किए जा चुके हैं। ग्राम प्रधान से लेकर मनरेगा के मजदूरों और विभिन्न बाजारों में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर पांच रुपए में वितरित कर रही हैं।
पिछले साल चार माह में वितरित किए 23 लाख 45 हजार मास्क
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर बताते हैं कि पिछले वर्ष जुलाई से लेकर अक्तूबर माह तक उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से करीब 23 लाख 45 हजार मास्क वितरित किया गया था। यह मास्क ग्राम विकास स्वास्थ्य विभाग पंचायती राज आदि विभागों और स्टॉल लगाकर लोगों को दिया गया था।