योगी राज में क्‍यों हो रहा PCS अफसरों का अपमान?

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आशीष बागची

यूपी के पीसीएस अफसर इन दिनों बेहद गुस्‍से में हैं। इसका कारण है उत्‍तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की प्रयागराज में गिरफ्तारी। सूत्रों का कहना है कि नाराज पीसीएस अफसरों ने इस बाबत उत्तर प्रदेश PCS एसोसिएशन की पहली जून को आपात बैठक बुलाई है। साथ ही अंजू की गिरफ्तारी का विरोध भी किया है और रोष भरे शब्‍दों में कहा है कि शासन का अगर यही रवैया रहा तो कोई भी पीसीएस अधिकारी परीक्षा नियंत्रक बनना पसंद नहीं करेगा।

बताते चलें कि अंजू की यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित यूपी लोक सेवा आयोग की ओर से भर्तियों को लेकर विवाद बढ़ने के बाद की गयी है। 10768 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्तियां होनी थीं, इस बीच पेपर लीक हो गया। पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस मालिक के साथ ही आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की गिरफ्तारी भी की गयी। उसके बाद ही पीसीएस मेंस परीक्षा भी टाल दी गयी जो 17 से 21 जून तक होनी थी।

नाराज संघ ने क्‍या कहा-

नाराज PCS संघ ने कहा है कि उनके लखनऊ कार्यालय में पहली जून की शाम 5 बजे बैठक बुलाई गयी है। बैठक में सभी पदाधिकारी व PCS अफ़सर शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि अंजू सहित बैठक में दो अन्‍य PCS अफ़सरों के खिलाफ हाल में हुई कार्रवाई पर संघ विरोध दर्ज कराएगा।

बड़े अफसरों से की मुलाकात-

PCS अंजू की गिरफ़्तारी मामले में PCS संघ के पदाधिकारियों ने शासन के बड़े अफ़सरों से मुलाक़ात की है और अपना रोष व्‍यक्‍त किया है।

साइन बोर्ड पर लिखा चिलम-

दूसरी ओर प्रयागराज स्थित आयोग के कार्यालय के मुख्य गेट पर लगे साइन बोर्ड के साथ शुक्रवार को छेड़खानी की गयी और उसमें उत्तर प्रदेश लोक सेवा में ‘लोक’ की जगह ‘चिलम’ लिखा गया। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया। माना जा रहा है कि हिरासत में लिए गए आरोपियों का समाजवादी पार्टी (एसपी) से संबंध है।

अखिलेश ने चिलम मंत्री बताया था-

बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषणों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिलम मंत्री बताया था। यही नहीं अखिलेश ने अपने आवास में हुई तोड़फोड़ के मामले को लेकर योगी पर हमला बोलते हुए एसपी की सरकार बनने पर सीएम आवास से चिलम ढूंढ़ने की बात भी कही थी। पेपर लीक मामले को लेकर आयोग ने फिलहाल आगे भी कुछ परीक्षाएं टालने की बात कही है क्योंकि परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं रह गया है।

एक हजार छात्रों ने किया प्रदर्शन-

शुक्रवार को एक हजार छात्रों ने प्रयागराज स्थित आयोग के बाहर प्रदर्शन किया व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई भर्तियों को रद करने की।

पीसीएस अफसरों की नाराजगी नई बात नहीं-

उत्तर प्रदेश के पीसीएस अफसरों में नाराजगी पहले से ही चल रही है। वे अपने अधिकारों में कटौती से लेकर भी नाराज हैं। बीते दिनों उन्‍होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी मांग रखी थी। पहले भी उत्तर प्रदेश सिविल सेवा संघ की प्रशासकीय शाखा के पदाधिकारियों ने बैठक कर प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में पीसीएस की जगह आईएएस अफसरों की तैनाती को गलत बताया था और सरकार के इस निर्णय के विरोध का ऐलान किया था। शासन में सचिव पदों पर पीसीएस कोटे को खत्म करने से भी पीसीएस अफसरों की ओर से विसंगति झेलने की बात कही जा रही है। नाराजगी की एक यह भी वजह बताई जा रही है।

पीपीएस अफसर भी हैं नाराज-

दूसरी ओर आयोग से चयनित पीपीएस अफसरों की भी आईपीएस अफसरों व शासन से लगातार नाराजगी चल रही है। बीते दिनों हुई एक बैठक में वेतन व प्रमोशन में विसंगति को दूर करने के साथ ही पीपीएस अफसरों से अभद्रता करने वाले आईपीएस अफसरों के खिलाफ आंदोलन का भी निर्णय लिया गया था।

सौतेले व्यवहार से नाराजगी-

राजधानी के पुलिस ऑफिसर्स मेस में आयोजित पीपीएस एसोसिएशन की एक जनरल बॉडी मीटिंग में आईपीएस अफसरों द्वारा किये जा रहे सौतेले व्यवहार पर नाराजगी जताई गई थी। इसके साथ ही आईपीएस अफसरों द्वारा पीपीएस अफसरों के साथ की जाने वाली अभद्रता से भी सदस्य बेहद खफा थे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि अब से किसी भी जिले में आईपीएस अफसर अगर पीपीएस अफसर के साथ बदसलूकी करेंगे तो उनके खिलाफ वहीं आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।

घटनाएं चाहे जो हों, योगी राज में शासन व्‍यवस्‍था संभालने वालों में नाराजगी लगातार बढ़ रही है। इनके कारणों पर गौर करके फौरन ही इसपर काबू करने की आवश्‍यकता आ पड़ी है।

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