पूर्वांचल की स्वास्थ्य व्यवस्था में योगी सरकार ने फूंकी जान
उत्तर प्रदेश में सालों साल से बीमार चली आ रही पूर्वांचल की स्वास्थ्य व्यवस्था को महज चार सालों में दोबारा पटरी पर योगी सरकार लेकर आई है।
उत्तर प्रदेश में सालों साल से बीमार चली आ रही पूर्वांचल की स्वास्थ्य व्यवस्था को महज चार सालों में दोबारा पटरी पर योगी सरकार (yogi government) लेकर आई है। उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल की चिकित्सीय सेवाओं को बेहतर बनाते हुए चिकित्सा शिक्षा पर भी जोर दिया है। लंबे अरसे से पूर्वांचल के लिए अभिशाप बनी इंसेफेलाइटिस और जेई बीमारी के समूल नाश के लिए योगी सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए एक ठोस रणनीति बनाकर इस पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की। इसके साथ ही वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में चिकित्सीय सेवाओं को न सिर्फ बेहतर किया बल्कि नई चिकित्सीय सेवाओं की सौगातें देकर आमजन को सीधे तौर पर लाभान्वित भी किया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित 38 जिले इन्सेफेलाइटिस से ग्रस्त थे, सैकड़ों मौतें होती थीं। पिछले चालीस पैंतालीस सालों में किसी सरकार ने इसका हाल चाल नहीं लिया। जब प्रदेश में योगी सरकार आई तो इस बीमारी के उपचार के लिए अंतर विभागीय समन्वय किया एवं स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाते हुए विशेष अभियान की शुरूआत की। जिसके तहत प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों के प्रभावी उपचार के लिए 16 पीडियाट्रिक इन्टेन्सिंव केयर यूनिट, 15 मिनी पीकू व 177 इन्सेफेलाइटिस उपचार केन्द्र स्थापित किए गए। साल 2016 में जापानी इन्सेफेलाइटिस, ऐक्यूट इन्सेफेलाइटिस के 442 रोगी व 74 मृत्यु के सापेक्ष में 2020 में महज 95 रोगी चिन्हित किए गए और केवल 9 की मृत्यु हुई। योगी सरकार की कुशल रणनीति का ही परिणाम है कि संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के गोरखपुर मॉडल की राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई।
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इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण का चलाया गया विशेष अभियान
पिछले दिनों लखनऊ में जापानी इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण का विशेष अभियान सरकार (yogi government) की ओर से प्रारंभ किया गया था। जिसमें शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया। जिसके सकारात्मक परिणाम सबको देखने को मिले। उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में बुखार के मामले आते थे। लेकिन आज प्रदेश सरकार की कुशल रणनीति से इसको अंतिम चरणों में पूरी तरह से नियंत्रण करने के लिए अग्रसर है। गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज में एईएस व जेई की बीमारी से पीड़ित बाल रोगियों के उपचार के लिए सरकार ने समुचित व्यवस्था की है। एईएस और जेई रोग से बचाव, नियंत्रण व उपचार के लिए सभी जनपदों में विशेष दस्तक अभियान चलाया गया। दूरदर्शी रणनीति का ही परिणाम है कि वर्षों से हज़ारों बच्चों की जान ले चुका दिमागी बुखार जैसी जानलेवा बीमारी में 75 प्रतिशत और उससे होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आई है ।
पूर्वांचल को दी चिकित्सीय सुविधाओं की सौगातें
पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए चिकित्सीय सुविधाओं की सौगातें दी हैं। गोरखपुर और रायबरेली में दो नए एम्स की स्थापना के साथ ओपीडी प्रारंभ होने से निश्चित तौर पर लोगों की सेवाओं में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही गोरखपुर व रायबरेली में दो अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान स्थापित कर आउटडोर सेवाएं शुरू होने से लोगों को सीधे तौर लाभ मिल रहा है।
प्रयागराज, गोरखपुर में स्थापित किए गए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक
राजकीय मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, प्रयागराज व चार अन्य जिलों में भी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक स्थापित किए गए हैं। जिससे प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल रहीं हैं। इसके साथ ही गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ आयुष चिकित्सा विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है जिससे गोरखपुर समेत पूर्वांचल की चिकित्सीय सेवाओं में इजाफा होगा।
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