yogi मंत्रिमंडल विस्तारः ओपी राजभर, दारा समेत चार मंत्रियों ने ली शपथ

योगी आदित्यनाथ ने नये मंत्रियों को दी बधाई, ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री के कसीदे पढ़े

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे का कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार मंगलवार को हुआ. शाम को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चार नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई. शपथ लेने वालों में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, भाजपा विधान परिषद सदस्य दारा सिंह चौहान, राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अनिल कुमार और भाजपा के साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा हैं. नये मंत्रियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले साथियों को हार्दिक बधाई. उधर, ओम प्रकाश राजभर के मंत्री पद की शपथ लेने से उनका परिवार गदगद है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विकास कर रहा है. उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी और योगी के नेतृत्व में सभी सीटों पर जीत का दावा किया. हालांकि ओपी राजभर और दारा सिंह को मंत्री बनाए जाने की अटकलें महीनों से चल रही थी. ओपी खुद पहले से दावा कर रहे थे.

सीएम समेत अब मंत्रियों की संख्या हुई 56

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने सहयोगियों को चुनावी गिफ्ट दिया है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यूपी में सीएम समेत मंत्रियों की संख्या 56 हो गई है. अब मंत्रिमंडल में सिर्फ पांच सीटें खाली हैं. नियम के मुताबिक किसी भी राज्य में विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 फीसदी सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. यूपी विधानसभा में 404 सदस्य हैं. इस हिसाब से यूपी में 61 मंत्री बनाए जा सकते हैं. खास बात यह कि ओपी राजभर, दारा सिंह और अनिल कुमार ने बसपा से सियासत की शुरूआत की थी. आज तीनों भाजपा के पाले में हैं. माना जाता है कि जातीय समीकरण साधने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें मंत्री बनाया गया है.

ओमप्रकाश राजभर

ओम प्रकाश राजभर सुभासपा के अध्यक्ष और जहूराबाद से विधायक हैं. बड़बोलेपन के लिए जाने जानेवाले ओपी राजभर ने बसपा से अलग होने के बाद अपनी पार्टी बनाई. इसके बाद वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के पाले में चले गये और चुनाव लड़े. बाद में योगी सरकार में मंत्री बने. योगी आदित्यनाथ से खटपट होने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया तो सपा का दामन थाम लिया. वर्ष 2022 के चुनाव में उन्होंने अखिलेश यादव का साथ दिया. तब वह अखिलेश यादव के कसीदे पढ़ते थे और मोदी, योगी के खिलाफ जहर उगलते रहे. उस दौर के कई वीडियो सोशल मीडिया पर समय-समय पर वायरल होते रहते हैं. लेकिन चुनाव के बाद अखिलेश और ओपी राजभर दोनों के रास्ते अलग हो गए. इसके बाद राजभर ने फिर बीजेपी का दामन थाम लिया.

दारा सिंह चौहान

राजभर की ही तरह दारा सिंह चौहान ने भी बहुजन समाज पार्टी से अपनी सियासत शुरू की थी. बाद में उन्होंने भी भाजपा का दामन थामना उचित समझा. इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था. मऊ की घोसी सीट से वह चुना जीते. चुनाव के बाद ही सपा से उनके रिश्ते खराब हो गए. इसके बाद उन्होंने फिर भाजपा का दामन थाम लिया और विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया. उपचुनाव में वह सपा से चुनाव हार गए. भाजपा ने उन्हें विधान परिषद भेजा और अब लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें मंत्री बना दिया.

अनिल कुमार

सहारनपुर के रहनेवाले अनिल कुमार मुजफ्फरनगर की पुरकाजी सीट से आरएलडी के विधायक हैं. वर्ष 2022 में वह सपा में थे लेकिन आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़े. राजभर और दारा सिंह की तरह अनिल कुमार भी पहले बसपा में ही थे. अनुसूचित जाति के वोटों को साधने के लिए आरएलडी ने अनिल कुमार को मंत्री बनाने की पेशकश की. अब वह योगी सरकार में मंत्री बन गये. अनिल कुमार को जयंत चौधरी का करीबी माना जाता है.

सुनील शर्मा

सुनील शर्मा साहिबाबाद से बीजेपी के विधायक हैं. वह तीन बार से विधायक निर्वाचित हो रहे हैं. सुनील शर्मा की गिनती प्रदेश के बड़े ब्राह्मण नेताओं में होती है. योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह का करीबी माना जाता है. वर्ष 2022 के चुनाव में सुनील शर्मा ने रिकार्ड दो लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी.

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