यासीन भटकल ने मांगी पैरोल, इस बात का दिया हवाला…
आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पैरोल हिरासत की मांग की है. उसने अपनी बीमार माँ की देखभाल करने का हवाला दिया है. उसकी माँ की हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई है. कोर्ट भटकल की ओर से दायर याचिका पर 24 सितंबर को सुनवाई करेगा.
साल 2023 में एनआईए अदालत ने यासीन भटकल सहित 11 आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद से आतंकी वारदातों की साजिश रचने और अंजाम देने की साजिश के खिलाफ आरोप तय किया है. कोर्ट ने कहा था कि यासीन भटकल व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल जैसे पर्याप्त सबूत है. इनकी जांच से साफ होता है कि भटकल न केवल आतंकी गतिविधियों की साजिश में शामिल था, बल्कि विस्फोटक, इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस को तैयार करने में उसकी बड़ी भूमिका थी.
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सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा
कोर्ट ने कहा था कि यासीन भटकल की चैट से सूरत में न्यूक्लियर बम प्लानिंग के बारे में खुलासा होता है, और ब्लास्ट से पहले वहां से मुसलमानों को हटाने की योजना भी बनाई थी. कोर्ट ने मोहम्मद आफताब आलम, मोहम्मद दानिश अंसारी, इमरान खान, सैयद मकबूल, मोहम्मद अहमद सिद्धिबप्पा, असौदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, हैदर अली, मोहम्मद तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान और ओबैद उर रहमान के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व धारा 1860 के तहत आरोप तय किया है. उतरी कर्नाटक के भटकल गांव के रहने वाले यासीन भटकल को साल 2013 में बिहार नेपाल की सीमा से लगे इलाके से गिरफ्तार किया गया था. भटकल को हैदराबाद के दिलखुशनगर में साल 2013 में हुए दोहरे बम विस्फोट में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.