ड्यूक बॉल (Duke Ball) का मिजाज WTC Final 2021 के नतीजे को तय करने में अमह रोल निभाएगा. इसे समझने की सलाह भारत के अनुभवी ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भी दी है. Duke Ball किन गेंदबाजों के लिए मददगार हैं? किन देशों को इस गेंद से खेलने में महारत हासिल है? WTC Final 2021 में इसके रोल के बारे में जानिये.
स्विंग से सावधान
युवराज का मानना है; इंग्लैंड में घूमती ड्यूक बॉल भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौती साबित होगी. इसे समझने के लिए बल्लेबाजों को सावधान रहने की जरूरत है.
क्रिकेट के एक्सपर्ट्स के मुताबिक ड्यूक बॉल (Duke Ball) मैच में पारी की शुरुआत से ही स्विंग लेने लगती है. युवराज का कहना है कि; भारतीय बैट्समैन को इस गेंद को समझने के लिए परिस्थितियों में अपने आपको जल्द से जल्द ढालना होगा.
वर्ल्ड कप 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए युवराज ने इंडियन ओपनिंग पेयर को प्रत्येक सेशन को भुनाने की सलाह दी है. पूर्व खब्बू बल्लेबाज ऑल राउंडर ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के साथ ही ड्यूक बॉल (Duke Ball) से सतर्क रहने की सलाह भारतीय टीम को दी है.
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पूर्व ऑलराउंडर युवी ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) फाइनल से पहले इंडियन ओपनर्स को कुछ टिप्स दिए हैं. अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि WTC Final में रोहित शर्मा और शुभमन गिल की जोड़ी सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतर सकती है.
युवी ने भी इन बल्लेबाजों को बतौर ओपनर उतारने की वकालत की है. ओपनिंग के लिए शुभमन गिल और मयंक अग्रवाल में कड़ी टक्कर रहेगी. हालांकि प्रदर्शन के आधार पर गिल का पलड़ा भारी है क्योंकि अग्रवाल उन्हें मिले मौकों पर उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं.
संभावना भी जताई जा रही है कि; साउथैम्प्टन में प्रस्तावित डब्ल्यूटीसी फाइनल में इस संयोजन को मौका मिल सकता है. एक खेल चैनल से चर्चा में युवी ने ड्यूक बॉल (Duke Ball) के मिजाज पर चर्चा की.
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युवराज ने शर्मा और गिल को इंग्लैंड में घूमती ड्यूक बॉल की चुनौतियों से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, ड्यूक बॉल का स्विंग बल्लेबाजों के लिए चैलेंज साबित होगा. ऐसे में टीम इंडिया के लिए प्रत्येक सेशन बहुत महत्वपूर्ण रहेगा.
उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में ड्यूक बॉल (Duke Ball) सुबह के समय स्विंग करती है. सीम से भी तेज गेंदबाज को बहुत मदद मिलती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोपहर के सत्र में इस गेंद पर रन बनाए जा सकते हैं. चायकाल के बाद गेंदबाज को फिर से स्विंग मिलने लगती है.
गेंदों के रंग
क्रिकेट की शुरुआत वैसे तो अधिकृत रूप से लाल गेंदों से हुई थी. हाल ही के वर्षों के दौरान क्रिकेट में सफेद और गुलाबी रंग की क्रिकेट गेंदों का भी चलन बढ़ा है.
क्रिकेट गेंदों के प्रकार
गेंदों के प्रकारों की बात करें तो अंतर राष्ट्रीय मैच एसजी बॉल (SG ball), ड्यूक बॉल (Duke Ball) और कूकाबेरा गेंदों (Kookaburra Ball) से खेले जाते हैं. इन गेंदों की उछाल, स्विंग, मिजाज से जुड़ी खासियत भी अलग-अलग हैं.
ड्यूक गेंद (Duke ball) की खासियत
इंग्लैंड में बनने वाली ड्यूक बॉल (Duke Ball) खास तौर पर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती हैं. एसजी गेंद से स्पिनर्स को मिलने वाली मदद की तुलना में ये गेंद पेस बॉलर्स की ज्यादा मददगार हैं.
इंग्लैंड के अलावा वेस्टइंडीज की टीमें ड्यूक बॉल (Duke Ball) से घरेलू, राष्ट्रीय, अंतर राष्ट्रीय मैच खेलती हैं. गेंद की प्रकृति की बात करें तो Duke Ball की सीम के कारण तेज गेंदबाजों को ज्यादा समय तक स्विंग मिलती है. स्पिनर्स को अक्सर इससे जूझते देखा गया है.
WTC Final मैच के पहले खेले गए अभ्यास मैचों में भारतीय बल्लेबाजों ने अब तक पॉजिटिव संकेत दिये हैं. सब ठीक रहा तो कोरोना की वजह से टलता आया यह अहम मैच आयोजन और नतीजे की वजह से क्रिकेट इतिहास में विशिष्ट स्थान हासिल करेगा.
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पहले से इंग्लैंड पहुंच चुकी न्यूजीलैंड की टीम वहां की परिस्थितियों में ढल चुकी है. कीवीज के लिए स्थिति जहां आसान नजर आ रही है वहीं भारत को कम से कम समय में खुद को परिस्थितियों के मुताबिक ढालना होगा.
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