विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस: कार्यक्रम में शामिल हुए CM धामी, मुसलमानों को लेकर कही ये बात
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयेाग द्वारा पिछले 5 वर्षो से 18 दिसंबर को विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में राज्य स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. इसी कड़ी में रविवार को देहरादून में विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. उन्होंने अपने संबोधन में मुसलमानों को लेकर कई बातें कही.
LIVE: देहरादून में विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम
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सीएम धामी ने कहा ‘हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय में बड़ी संख्या मुस्लिमों की है. देश में आजादी के बाद लंबे समय तक एक पार्टी का शासन रही, एक परिवार शासन में रहा. ऐसे में यह विचारणीय प्रश्न है कि मुस्लिम समुदाय शिक्षा और विकास की मुख्यधारा में शामिल क्यों नहीं है?’
हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय में बड़ी संख्या मुस्लिमों की है। देश में आजादी के बाद लंबे समय तक एक पार्टी का शासन रही, एक परिवार शासन में रहा। ऐसे में यह विचारणीय प्रश्न है कि मुस्लिम समुदाय शिक्षा और विकास की मुख्यधारा में शामिल क्यों नहीं है?: उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी pic.twitter.com/W3e1DIClhe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2022
सीएम धामी ने कहा ‘मैं जब पहली बार चुनाव लड़ रहा था तब मेरे विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के बीच यह भ्रांति फैलाई गई थी कि अगर यह पार्टी जीत जाती है तो यहां की शांति भंग हो जाएगी लेकिन मेरे जीतने के बाद एक भी ऐसी घटना नहीं हुई.’
मैं जब पहली बार चुनाव लड़ रहा था तब मेरे विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के बीच यह भ्रांति फैलाई गई थी कि अगर यह पार्टी जीत जाती है तो यहां की शांति भंग हो जाएगी लेकिन मेरे जीतने के बाद एक भी ऐसी घटना नहीं हुई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, देहरादून pic.twitter.com/bmNkC2elTW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2022
बता दें भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए वर्ष 1992 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की थी. इस आयोग का गठन राज्यों में भी किया गया था. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें समय समय पर अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कल्याणकारी योजनाएं लाती है. इस योजनाओं के जरिए सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा देने की कोशिश करती है.
वहीं, रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी सरकार कार्य करती है. वर्ष 2006 में भारत सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए अलग से मंत्रालय भी बनाया. इस मंत्रालय के जरिए समुदाय का विकास, नीति नियोजन, मूल्यांकन करता है.
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