रक्तदान, महादान। यह कहावत इसलिए भी सही है क्योंकि रक्त ही है, जिससे किसी की ज़िंदगी बचाई जा सकती है। आज 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस है। इस खास मौके पर यूसी ब्राउज़र ने एक सर्वे किया। इसमें कुछ खास चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं ।
इस सर्वे में सामने आया कि कई लोग चाहकर भी खून डोनेट करने से बचते हैं या नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उन्हें या तो इसके बारे में ठीक से जानकारी नहीं है या फिर वे किसी गलतफहमी का शिकार हैं। UC के इस सर्वे में करीब 75 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है।
सर्वे के मुताबिक, 60 फीसदी लोगों ने कभी भी रक्तदान नहीं किया है। वहीं 58 फीसदी लोग मानते हैं कि ब्लड डोनेट करने के बाद एक दिन का आराम जरूरी होता है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय इससे अलग है। उनके मुताबिक, रक्तदान के बाद सिर्फ आधे घंटे का आराम पर्याप्त है।
क्या ब्लड डोनेशन से कमज़ोरी आती है? इस सवाल के जवाब में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। 52 फीसदी लोगों को ऐसा ही लगता है। 32 फीसदी लोगों को ऐसा लगता है कि रक्तदान से इम्यूनिटी कमज़ोर होती है। हालांकि, यह भी सरासर गलत सोच है।
आंकड़ों पर नज़र डालें तो भारत में सालाना 1 करोड़ ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हमें किसी के जीवन की खातिर समय-समय पर ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए।
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