वाइल्डलाइफ एसओएस के बैक-टू-बैक ऑपरेशंस, रैपिड रिस्पांस यूनिट ने 4 विशालकाय अजगर को बचाया
वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट के लिए रविवार का दिन एक्शन से भरपूर रहा. इस टीम ने एक ही दिन में 4 विशालकाय अजगर का रेस्क्यू किया. बैक-टू-बैक रेस्क्यू ऑपरेशन में वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने पहला रेस्क्यू यूपी के मथुरा में कोयला अलीपुर गांव से लगभग 12 फीट लंबे और 25 किलो से अधिक वजन वाले अजगर का किया गया.
वहीं, दूसरा रेस्क्यू यूपी के आगरा में किरावली क्षेत्र स्थित मोहरी गांव से लगभग 11 फीट लंबे और 21 किलो वजन के अजगर को बचाया गया. इसके अलावा, आगरा के ही बिचपुरी क्षेत्र से तीसरे विशालकाय अजगर का रेस्क्यू किया. चौथा रेस्क्यू जूता बनाने वाली कंपनी के स्टोर रूम से 7 फीट लंबे अजगर का किया गया.
दरअसल, मथुरा के कोयला अलीपुर में एक विशालकाय अजगर खेत से निकलकर गांव में बने एक घर के समीप पहुंच गया. अजगर को देख ग्रामीण डर गए. सुरक्षा के मद्देनजर उस परिवार ने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को इसकी सूचना उनके हेल्पलाइन नंबर (9917109666) पर सहायता मांगते हुए दी. एनजीओ की दो सदस्यीय टीम ने सावधानी से उसको पकड़ा, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली.
दूसरे बड़े अजगर को आगरा में किरावली क्षेत्र स्थित मोहरी गांव की एक नहर में देखा गया था. जो मछली पकड़ने वाले जाल में बुरी तरह फंस गया था. वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट टीम ने जाल में फंसे अजगर को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर जाल को काटा और करीब 11 फुट लंबे और 21 किलो वजनी अजगर को बचाया.
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा
‘मछली पकड़ने के जाल अक्सर वन्यजीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन जाते हैं, विशेष रूप से सांप और मगरमच्छ जैसे जानवरों के लिए. वाइल्डलाइफ एसओएस ने पहले भी जाल में फसें सांपों को बचाया है. इस बचाव अभियान में हमारी टीम को यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि जाल काटते समय अजगर को किसी तरह की चोट ना पहुंचे.’
वहीं, कुछ देर बाद वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट टीम ने आगरा में बिचपुरी क्षेत्र में एक घर के पास देखे गए 6 फुट लंबे अजगर को भी रेस्क्यू किया. इसके अलावा, वाइल्डलाइफ एसओएस ने रुनकता स्थित जूता बनाने वाली कंपनी के स्टोर रूम से 7 फीट लंबा अजगर भी बचाया.
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम. वी ने कहा
‘सभी 4 सांप वर्तमान में चिकित्सकीय निगरानी में हैं और जल्द ही जंगल में वापस छोड़ दिए जाएंगे. हमें इस बात की खुशी है की लोग ऐसी स्थिति में उचित निर्णय ले रहे हैं और हेल्पलाइन पर इसकी सूचना देकर विशेषज्ञों की सहायता लेते हैं. यह वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा वर्षों से किये जा रहे संरक्षण और जागरूकता के प्रयास का परिणाम है.’
Also Read: आगरा: बोरवेल में गिरे सियार को Wildlife SOS ने बचाया, अजगरों का भी किया रेस्क्यू