जेपीसी का गठन क्यों किया जाता है ? समझें, इसके गठन के कारण और उद्देश्य

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बीते मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र में एक देश- एक चुनाव बिल को पेश किया गया था, लेकिन इसके बाद इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी में भेज दिया गया है. इस संसदीय समिति का गठन लोकसभा स्पीकर द्वारा किया जाएगा. इसके लिए राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को मिलाकर समिति का गठन किया जाएगा. ऐसे में आज कांग्रेस ने इस संसदीय समिति के लिए अपनी तरफ से चार नाम को भेजा है, जिसमें प्रियंका गांधी समेत मनीष तिवारी, सुखदेव भगत और रणदीप सुरजेवाला के नाम को शामिल किया गया है. दूसरी ओर यह जानना भी अहम हो जाता है कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति होती क्या है ? इसका गठन कब और कैसे किया जाता है एवं इसके कार्य और शक्तियां क्या होती है ?

क्या होती है जेपीसी ?

संसद में विधायी के अलावा भी कई सारे कामकाज होते हैं. ऐसे में सभी मामलों पर सही तौर पर विचार कर पाना संभव नहीं होता है. ऐसे में बड़े और विचारपूर्ण मामलों में जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति का सहारा लिया जाता है और इसके लिए लोकसभा स्पीकर एक विशेष समिति का गठन करता है. इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को शामिल किया जाता है. यह समिति अलग-अलग कार्यों के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की समिति गठित की जाती है.

कितने प्रकार की होती है संसदीय समितियां ?

संसदीय समितियां मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं: अस्थायी (एडहॉक) और स्थायी (स्टैंडिंग). अस्थायी समितियां किसी विशेष कार्य या उद्देश्य के लिए बनाई जाती हैं और अपना कार्य पूरा होते ही स्वत: समाप्त हो जाती हैं. दूसरी ओर स्थायी समितियां निरंतर कार्य करती हैं और उनकी सदस्यता आमतौर पर स्थायी रहती है. अस्थायी समितियां केवल विशिष्ट मामलों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जबकि स्थायी समितियां नियमित रूप से विभिन्न संसदिय कार्यों की निगरानी करती हैं और सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करती हैं. दोनों प्रकार की समितियां संसद के कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

अब तक किन मामलों में हुआ संसदीय समिति का गठन ?

-बोफोर्स घोटाला (1987)
-हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट घोटाला (1992)
-केतन पारेख शेयर बाज़ार घोटाला (2001)
-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी, 2016)
-व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (2019)

जेपीसी की कब-कब उठी मांग ?

हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की सिफारिश की थी. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद राहुल गांधी ने शेयर बाजार में आई गिरावट की जांच जेपीसी से कराने की मांग की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. इससे पहले अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए भी विपक्षी दलों ने जेपीसी की मांग की थी. इस प्रकार विभिन्न मुद्दों पर समय-समय पर जेपीसी गठित करने की मांग उठती रही है. ये समितियां विवादों और महत्वपूर्ण मुद्दों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए अहम मानी जाती हैं.

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