पॉल्यूशन के लिए पटाखों पर दोष क्यों? … जानें क्या कहती है स्टडी….
Diwali 2024: दिवाली आ गयी है. हर बार की तरह इस बार भी पटाखों को लेकर बहस छिड़ गई है, देश की राजधानी दिल्ली समेत NCR में भी पटाखों को फोड़ने पर रोक लगा दी गई है. ऐसा इसलिए कि पटाखों से निकलने वाले धुंए से ख़राब होती हवा और ख़राब हो जाती है. वहीँ कुछ लोगों का कहना है कि इससे धुंवां नहीं निकलता जितना इसको लेकर शोर किया जाता है.
कई सालों से है दिल्ली- NCR में रोक…
बता दें कि दिल्ली- NCR में कई सालों से पटाखों में रोक है इसके बावजूद यहाँ खूब पटाखे जलते है और आतिशबाजी भी खूब देखने को मिलती है. इतना ही नहीं हर बार की तरह इस बार भी दिवाली से पहले दिल्ली की हवा ख़राब होने लगी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, 27 अक्टूबर को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI का स्तर 356 पर था. AQI का स्तर 301 से 400 के बीच रहने पर इसे ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रखा जाता है.
क्या प्रतिबन्ध से पड़ेगा असर?…
गौरतलब है कि दिल्ली- NCR में सर्दी शुरू होने से पहले हवा ख़राब होने लगती है. उससे पहले ही पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है. कहा जाता है कि पाटक्षे ज्यादा फूटेंगे तो प्रदूषण ज्यादा होगा.
कितने खतरनाक पटाखे?…
बता दें कि पटाखों में यदि धुएं की बात करें तो सांप की टिकिया का धुंआ 1290 गुणा ज्यादा खतरनाक है. पुणे स्थित सीआरएफ (चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन) के शोधकर्ताओं ने देश में अपनी तरह के इस पहले रिसर्च में 1000 पटाखों वाली लड़ी को दूसरे नंबर पर रखा है. इसके बाद नंबर रंगीन फुलझड़ी व आम फुलझड़ी, चक्करी और अनार का आता है.
पटाखों में इन केमिकल का इस्तेमाल….
बता दें कि, पटाख़ों में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. यह केमिकल केवल प्रदूषण पर ही नहीं सेहत पर भी असर डालते है.
सल्फर डाई ऑक्साइडः हर साल आतिशबाजी में हजारों टन सल्फर जलता है. जब सल्फर और PM मिलते हैं तो ये हवा को जहरीला बना देते हैं. सल्फर से अस्थमा होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
पोटेशियम नाइट्रेटः पटाखों से तेज आवाज निकल सके, इसके लिए इसमें पोटेशियम नाइट्रेट मिलाया जाता है. पोटेशियम नाइट्रेट से आंखों और त्वचा पर जलन हो सकती है.
अमोनियम और पोटेशियमः पटाखों में इस्तेमाल होने वाले इन केमिकल से थाइरॉइड ग्रंथि पर बुरा असर पड़ सकता है. इससे लंग कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
बोरियम नाइट्रेटः ये बहुत ही जहरीला केमिकल माना जाता है. बोरियम नाइट्रेट से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा इससे गैस की समस्या भी हो सकती
है.
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एंटीमनी सल्फाइडः इससे जहरीला धुआं निकलता है, जिससे लॉन्ग टर्म में पेट दर्द, डायरिया, अल्सर और उल्टी की समस्या हो सकती है.
नाइट्रोजन डाई ऑक्साइडः ये भी काफी जहरीला केमिकल है, जिससे छोटे बच्चों को कई समस्याएं हो सकती हैं. हवा में इसकी मौजूदगी से ओजोन लेयर को भी नुकसान
पहुंचता है.
लिथियम कंपाउंडः इससे जहरीला और जलन पैदा करने वाला धुआं निकलता है. इस कारण आंखों और त्वचा पर जलन हो सकती है.